आर्थिक तंगी से जूझ रहा है एवरेस्ट पर तिरंगा फहराना का सपना देखने वाला पर पर्वतारोही - Yugandhar Times

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Thursday, November 12, 2020

आर्थिक तंगी से जूझ रहा है एवरेस्ट पर तिरंगा फहराना का सपना देखने वाला पर पर्वतारोही

🔴 वर्ष 2019 में अटल बिहारी वाजपेयी माउंट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट मनाली हिमांचल प्रदेश के तत्वाधान में 17553 फीट ऊंची चोटी पर फहराया था तिरंगा 

🔴 संजय चाणक्य

कुशीनगर। बुलंद हौसला, अद्भूत जोश और कडी मेहनत के दम पर अपने कदमो से  हजारों फीट ऊचे पर्वतों की चोटियां नापने वाले कुशीनगर का अब्दुल रहमान को यह डर सताये जा रहा है कि कही उसकी आर्थिक तंगी एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराने के उसके सपने को चकनाचूर न कर दे। आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस पर्वतारोही को इस बात का भी भय है कि गरीबी और लाचारी के कारण उसका सपना सिर्फ सपना बनकर ही न रह जाये। वजह यह है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के माउंटेनरिंग क्लब के पूर्व कप्तान अब्दुल रहमान की माली हालत ठीक नही है वह गरीबी और लाचारी से जूझ रहे है। ऐसे मे वर्ष 2021 में एवरेस्ट की चोटी पर चढाई करने का वह सपना कैसे पूरा होगा। 

काबिलेगोर है कुशीनगर जनपद के मोतीचक विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर निवासी मोहम्मद ईशा के पुत्र अब्दुल रहमान अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय में पढाई के दौरान ही वर्ष 2012 मे पर्वतरोही के रूप मे ऊची-ऊंची पहाड़ियों पर चढ़ने का सिलसिला शुरू किया था। अब्दुल रहमान धीरे-धीरे पर्वतरोही के रेस में हिस्सा लेने लगा और अन्ततः अपना मुकाम हासिल किया। रहमान की कडी मेहनत व लगन को देखते हुए 2016 में उक्त विश्वविद्यालय द्वारा उन्हे माउंटेनरिंग क्लब के कप्तान से नवाजा गया। कप्तानी संभालते हुए अब्दुल रहमान अपने टीम को लेकर विभिन्न पर्वतो पर चढ़ा। इस दौरान पिछले साल 2019 में अटल बिहारी वाजपेयी माउंट ट्रेनिंग क्लब मनाली हिमांचल प्रदेश के तत्वाधान में अब्दुल रहमान माउंटेनरिंग (एक्सीपीडेशन) लीड करते हुए (फ्रेडशिप पिक) पर 17553 फीट लम्बी उंची चोटी पर चढ़कर  तिरंगा फहराकर  जिले का नही वरन प्रदेश का राष्ट्रीय पटल पर रोशन किया था। इसके पूर्व अब्दुल रहमान 2012 से लेकर अब तक कई बार 15,600 फीट उंची चोटी पर चढ़कर अपने टीम का लोहा मनवाता रहा। आठ सालों में अब्दुल रहमान कई बार प्रथम स्थान रहा जिसपर भारत  के कई स्थानों पर अलीगढ़, मनाली, राजस्थान, काश्मीर के पर्वतरोही संस्था द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।


🔴 लक्ष्य एवरेस्ट चोटी छुने की

अब्दुल रहमान शुरू से ही जुझारू किस्म का व्यक्ति है। अपने संघर्षो के बदौलत आज ऊंची से ऊंची चोटी छुने को गुरेज नही करता है। अब्दुल रहमान का कहना है कि आठ सालों से पर्वतरोही के क्षेत्र में मेरा प्रयास जारी रहा है और आखिरी सांस तक जारी रहेगा। अब मिशन 2021 में एवरेस्ट चोटी पर जाने की है।

 🔴 मदद की है दरकार

पर्वतरोही अब्दुल रहमान 2021 में एवरेस्ट पर चढ़ने का लक्ष्य बनाया है। चूंकी घर की माली हालत ठीक नही है। इसके लिए 20 से 25 लाख रूपये की आवश्यकता पडती है। अगर शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान दे दे तो एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचकर तिरंगा झंडा फहरा देश का नाम रोशन करूंगा और उन पर्वतरोहियों में अपना नाम दर्ज कराउंगा जो रिकार्ड बना चुके है।

🔴 एवरेस्ट चोटी पर जाने के क्या है नियम

एवरेस्ट चोटी पर वही पर्वतरोही जा सकता है जो अपने देश मे 15 हजार फीट से ज्यादा ऊंची पहाड़ी/चोटी पर चढ़ चुका हो। कुशीनगर जिले के अब्दुल रहमान की माने तो उक्त ऊंचाई तक कई बार चढ़ चुका है। एवरेस्ट पर जाने के लिए सरकार संबंधित देश (नेपाल) की सरकार से वार्ता करती है जहां एवरेस्ट की चोटी है। फिलहाल एवरेस्ट चोटी नेपाल देश मे है जहां 20 से 25 लाख रुपये फंड के तौर पर देना पड़ता है तब जाकर पर्वतरोहियों को भेजा जाता है।



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