🔴 सांसद विधायक के मान-मनौव्वल के बाद हुआ अंतिम संस्कार
🔴 गार्ड आँफ आँनर नही दिये जाने से ग्रामीण ने किया प्रदर्शन
🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क
कुशीनगर। जनपद के पटहेरवा थाना क्षेत्र के बदुरांव गांव के माँ भारती के सपूत सैनिक रामेश्वर गुप्ता का पार्थिव शरीर गुरुवार की देर रात उनके पैतृक पहुचा। पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही परिजनो के चीख-पुकार से पुरा गांव गम मे डूब गया। हर कोई डबडबाई आँखों से भारत माँ के लाल को निहारता रहा। आँखो से बहती अश्वधारा ने मानो सबके होठ सील दिये हो। सुबह होते ही परिजन मुख्यमंत्री को मौके पर बुलाने की जिद करने लगे। इस दौरान वहा उपस्थित देवरिया सांसद रमापति राम त्रिपाठी व फाजिलनगर के विधायक गंगा सिंह कुशवाहा सहित अन्य लोगो द्वारा काफी मान-मनौव्वल के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।
शहीद रामेश्वर गुप्ता का पार्थिव शरीर को जैसे लोगो ने अपने कंधों पर उठाया एक फिर चीख-चीत्कार ने वहा मौजूद सभी को अपने आगोश मे ले लिया। तभी गांव के लोग दरवाजे पर शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिए जाने से नाराज हो गये। आक्रोशित ग्रामीणों ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए सांसद रमापति राम त्रिपाठी की गाड़ी के आगे प्रर्दशन करने लगे। कुछ देर तक गांव वाले के गुस्से के सामने वहा मौजूद हुक्मरान निरुत्तर होकर खामोश रहे। फिर कुछ देर बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी समझा-बुझाकर शांत कराया और रिक्त-रिवाज से अंतिम संस्कार की रस्म पुरा कराया।
🔴 कौन थे शहीद रामेश्वर
गौरतलब है कि बदुराव गांव निवासी 45 वर्षीय रामेश्वर गुप्ता सेना से जुड़े सीमा सड़क संगठन के जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स में गनमैन थे। उनकी ड्यूटी तिनसुकिया में थी। फिलहाल वह भारत-चीन के करौली बॉर्डर पर तैनात थे। मंगलवार की सुबह उनकी ड्यूटी के दौरान मौत की खबर घरवालों को मिली थी।स्व. सिंगासन गुप्ता के तीन पुत्रों और दो पुत्रियों में रामेश्वर गुप्ता सबसे छोटे थे। वह अपने पीछे बूढ़ी मां, पत्नी, दो बेटे और दो बेटियों को छोड़ गए हैं। परिजनों के मुताबिक शहीद रामेश्वर वर्ष 1995 में बीआरओ में नियुक्त हुए थे। इस वर्ष 27 जनवरी को वह छुट्टी पर घर आए थे और 19 मार्च को ड्यूटी पर वापस जाना था लेकिन लॉकडाउन की वजह से तीन माह की छुट्टी बढा ली थी। बीते 23 जून को रामेश्वर ड्यूटी पर चले गए थे।
🔴 30 अप्रैल को बेटी की थी शादी
छुट्टी में गांव रहने के दौरान रामेश्वर अपनी बड़ी बेटी के लिए शादी का रिश्ता भी तय कर दिये थे। अगले साल 30 अप्रैल को बेटी की शादी होनी है। ऐसे में घर में शादी की तैयारी चल रही थी। रामेश्वर परिवार के लोगों से कहकर गए थे कि अब शादी के एक माह पहले छुट्टी लेकर घर आएंगे। रामेश्वर की पत्नी मीना देवी, माता मौलेश्वरी देवी, दो पुत्रियां पिंकी और रिंकी तथा दो पुत्रों अजीत और लोकेश का रो-रो कर बुरा हाल है।
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