🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर। परिवार की माली हालत सुधारने के लिए खेत गिरवी रखकर व व्याज पर रुपये लेकर सोमालिया कमाने गये जिले के अलग-अलग गांवो के दस कामगारो को उस कम्पनी ने जहां वो काम कर रहे थे उनको बंधक बना लिया है। कम्पनी ने इन लोगो का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है और तनख्वाह देना भी बंद कर दिया है। कम्पनी के चंगुल मे फसे सभी लोग खाने को मोहताज है। इन मजदूरो ने वीडियो के माध्यम से सामाजिक संस्था मानव सेवा संस्थान से संपर्क कर अपनी आप बीती सुनाई उसके बाद यह मामला प्रकाश मे आया है। जब से गांव के लोगो को यह जानकारी हुई है वह विदेश मे फसे अपने परिवारो की सलामती की प्रार्थना कर रहे है। परिजनो ने सरकार से सुकुल विदेश मे फसे लोगो को वतन बुलाने की गुहार लगाई है।
काबिलेगोर है कि घर की माली हालत को बेहतर बनाने की गरज से जनपद के अलग-अलग गांवो के दस मजदूर एक एजेंट के माध्यम से फरवरी माह मे सोमालिया कमाने गये। शुरूआत के दो महीने सब कुछ ठीक-ठाक रहा। तनख्वाह और खाना सब कुछ समय से मिल जाता था लेकिन तीसरे महिने से कम्पनी ने इन लोगो का तनख्वाह देना बंद कर दिया। फिर कुछ दिनो के बाद कम्पनी ने सभी मजदूरों का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया अब उन्हें पेटभर खाना भी नसीब नही हो रहा है। सामाजिक संस्था मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि ने बताया कि एक मजदूर ने वीडियो के जरिये उनसे संपर्क किया था उसके बाद यह मामला सामने आया।
🔴 किसी ने खेत गिरवी रखी है तो किसी ने ब्याज पर लिया है रुपये
सोमालिया में फंसे मोहित प्रजापति अपने घर के इकलौते कमाने वाले सदस्य है इनके परिवार में पत्नी के अलावा 5 बच्चे हैं, जिनमें 4 बेटियां और एक बेटा शामिल हैं। सभी बच्चे छोटे हैं। मोहित इससे पहले खाड़ी देश में काम करता था लेकिन इस बार वह एक एजेंट के माध्यम से सोमालिया चला गया। सोमालिया जाने के लिए उसने अपने परिचितों से लगभग 50 हजार रुपये ब्याज पर लिया है। कुछ दिनो पूर्व मोहित ने फोन पर अपनी पत्नी को बताया था कि कंपनी ने उसे पैसा देना बंद कर दिया है और उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है। कंपनी बंधक बनाकर जबरस्ती काम ले रही है और पेटभर खाना भी नहीं दे रही है। मोहित की तरह बेटी के ब्याह में लिए कर्जे को चुकाने के लिए सुभाष प्रजापति ने भी विदेश की राह पकड़ी। सोमालिया जाने के लिए उसने अपना खेत गिरवी रख दिया. अब घर में मौजूद पत्नी और बेटे परेशान हैं. थक हारकर सुभाष का नाबालिग बेटा गुजरात कमाने चला गया है। सुनहरे सपने लेकर सोमालिया कमाने गये रामा प्रजापति के परिवार की हालत तो बद से बदतर है। बूढे बाप के भरोसे रामा अपने दो मासूम बच्चों और पत्नी को छोड़कर गया।अब वहां पर रामा कंपनी के चंगुल में फंस गया है। रामा के बूढ़े पिता हर दिन भगवान से बस यही प्रार्थना कर रहे है किसी तरह से उनका बेटा घर वापस आ जाए।
🔴 जल्द होगी वतन वापसी
सामाजिक संस्था मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि का कहना है कि वह केन्या में भारतीय दूतावास से ईमेल व ट्वीट के जरिए संपर्क किये थे। भारतीय दूतावास ने 21 अक्टूबर को ट्वीट के माध्यम से जवाब दिया कि दूतावास सोमालिया के मोगादिशू में फंसे 33 मजदूरों की रिहाई को लेकर सोमालिया सरकार के संपर्क में है। दूतावास ने कहा, ''सोमालिया के विदेश मंत्रालय के निदेशक ने आश्वासन दिया है कि शीघ्र ही इन लोगों के भारत जाने की व्यवस्था हो जाएगी।
🔴 21 मजदूर गोरखपुर मण्डल के है
मानव सेवा संस्थान के राजेश मणि ने बताया कि सोमालिया मे भारत के कुल 33 मजदूर फसे हुए है। उन्होने कहा यूपी के फसे 25 मजदूरों में से 21 मजदूर गोरखपुर मंडल के हैं जिनमें से सात मजदूर गोरखपुर के, 10 कुशीनगर के, तीन देवरिया के जबकि दो-दो मजदूर गोंडा, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर के हैं. इसके अलावा छह मजदूर बिहार के जबकि एक-एक मजदूर पंजाब और हिमाचल प्रदेश के हैं।
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