🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क
कुशीनगर। ‘सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वारथ साधिके, शरणयम त्रयंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते...।’ सरीखे मंत्रों, भजनों और घंटे की ध्वनि से शनिवार को भोर से ही सभी देवी मंदिर गूंजायमान रहा। कोविड-19 के प्रोटोकाल मे मां भगवती के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन के लिए भक्त अपनी बारी आने का इंतजार करते रहे और फिर नारियल, कपूर, अगरबत्ती, चुनरी आदि पूजन सामग्रियां चढ़ाकर देवी मां की पूजा-अर्चना की। भक्तों ने मां आदिशक्ति के विभिन्न स्वरूपों के समक्ष मत्था टेककर मनमाफिक मुरादे मांगीं।
शारदीय नवरात्र प्रारंभ होने से पहले ही देवी मंदिरों को अच्छी तरह से सजा दिया गया था। मंदिरों में दर्शन करने आए भक्तों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए मंदिर प्रबंधन के लोग लगे रहे। पडरौना नगर के प्राचीन दुर्गा मंदिर में दर्शन के लिए भोर से ही भक्तों का तांता लग गया। मां भगवती की पूजा-अर्चना कर भक्तों ने सुख-समृद्धि की कामना की। पूजा के बाद ही भक्तों ने फल और जल ग्रहण किया। नगर के प्राचीन मंदिरों मे शुमार श्री बुढ़िया माई मंदिर में भी आस्था और भक्ति की भीड़ देखने लायक थी। इसी तरह अंबे चौक स्थित मंदिर, छावनी के महादेव मंदिर में स्थित मां दुर्गा की प्रतिमा और हट्ठी मांई के मंदिर में भी नवरात्र के पहले दिन " जय माता दी " के जयघोष के भक्तों ने माथा टेककर सुख-समृद्धि की कामना की। पडरौना नगर से सटे बलुचहां स्थित सायरी मांई मंदिर, खिरकिया मंदिर, खन्हवार मंदिर, धर्मसमधा मंदिर समेत सभी देवी मंदिरों में आस्था व विश्वास के साथ माता के भक्तों की भीड़ माथा टेक कर पूजा अर्चना की। शाम को इन मंदिरों में आरती के समय भी देवी मां के भक्त दर्शन के लिए शामिल हुए। ऐसा ही दृश्य जिले के सभी देवी मंदिरों पर था।
🔴 घरो मे स्थापित की गई कलश
शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा-अर्चना के साथ ही घरों में भी भक्तों ने विधिवत पूजा-अर्चना प्रारंभ कर दी। पुरोहित की देख-रेख में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भक्तों ने अपने-अपने घरों में कलश की स्थापना कराई। निर्धारित मुहूर्त में घर के अंदर कलश तथा गौरी गणेश की स्थापना के बाद पूजा-अर्चना आरंभ की गई। बहुत से भक्ताें ने नौ दिन का व्रत रखा है। तमाम भक्तों ने प्रथमा और अष्टमी को व्रत रखने का निर्णय लिया। सभी देवी मंदिर नवरात्र के पहले दिन से ही भक्तों की भीड़ से पट गये हैं। तमकुहीरोड प्रतिनिधि के अनुसार पूजा-अर्चना के लिए मंदिराें में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा की पूजा-अर्चना शुरू हो गई। मंदिरों के साथ-साथ घरों में भी लोगाें ने पूजा-अर्चना की। दुर्गा पूजा के लिए कस्बे के अलावा गांवों में भी पंडाल लगाने तैयारी शुरू हो गई है। सेवरही के बेलवा माई, छतुवनिया माई, जल्पा माई, मिलगेट देवी मंदिर समेत सभी जगहों पर पूजा-अर्चना की गई।
No comments:
Post a Comment