🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। जिले में पराली एवं कृषि अपशिष्ट आदि जलाने वालों की निगरानी अब सेटेलाईट से शुरू कर दी गई और उसे जलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई के जिला प्रशासन ने निर्देश दिए हैं। मुख्य विकास अधिकारी अन्नपूर्णा गर्ग ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में कुशीनगर में धान की फसल तैयार है,जिसकी कटाई-मडाई का कार्य अधिकांश किसान कम्बाईन मशीन से कराने के बाद पराली को खेतों में ही जला देते है, जिससे पर्यावरण दूषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की निगरानी सेटेलाईट से की जा रही है।
मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती गर्ग ने ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, सचिव, लेखपाल, किसान सहायक, सफाई कर्मी, आशा व आगंनबाड़ी कार्यकत्रियो को निर्देशित किया है कि ग्राम पंचायत की बैठक कर पराली जलाने से होने वाले नुकसान एवं प्रदूषण के बारे में ग्रामीणों से चर्चा कर उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए जागरुक करें। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रत्येक ग्राम पंचायत में बैठक आयोजित कर उक्त बिन्दुओं पर विस्तृत रूप से वीडियों व आडियों के माध्यम से प्रचार-प्रसार के साथ अवगत कराया जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि पराली आदि जलाने वालों के खिलाफ जुर्माना एवं रिर्पोट दर्ज करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि दो एकड़ वालों पर एक हजार पांच सौ रूपए, 02 से 05 एकड़ तक दो हजार पांच सौ रूपये अर्थदण्ड एंव 05 एकड़ से अधिक धान वालों पर पन्द्रह हजार रूपये अर्थदण्ड निर्धारित है। उन्होंने कहा कि पराली न जलाए, इसकी निगरानी सेटेलाईट से की जा रही है और जो किसान सेटेलाईट की जद में आयेगा उसके खिलाफ कारर्वाई की जायेगी। सीडीओ ने कहा कि पराली अधिक मात्रा में होने पर ग्राम प्रधान, सचिव, और लेखपाल स्वंय उसे गोवंश आश्रय स्थल पर व्यवस्थित ढ़ग से भिजवाये और उसे संरक्षित कराये।
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