अब लिखना होगा मिठाइयों के बनाने की तिथि और एक्सपायरी डेट - Yugandhar Times

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Wednesday, October 14, 2020

अब लिखना होगा मिठाइयों के बनाने की तिथि और एक्सपायरी डेट

🔴 नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान मे रखकर खाद्य सुरक्षा एवं मानक नियमावली में किया गया संशोधन

🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज़ नेटवर्क 

कुशीनगर। खाद्य सुरक्षा अधिकारी मानिक चन्द्र सिंह ने कहा कि नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान मे रखते हुए भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक नियमावली में संशोधन कर नयी गाइडलाइंस जारी किया है जो  दिनांक -1 अक्टूबर-2020 से पूरे देश मे लागू है। इसके तहत बाजार मे बिकने वाली मिठाईयों की बनाने और उसे कब तक इस्तेमाल किया जा सकता की तिथि सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित करना अनिवार्य है। उन्होने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसा न करने वाले कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई का प्राविधान सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि खाद्य कारोबारी को मिठाई बनाने की तिथि की घोषणा करने में मिठाइयों की प्रकृति व स्थानीय परिस्थिति का ध्यान रखना होगा। इस कार्य हेतु खाद्य कारोबारकर्ता भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध मिठाईयों के इस्तेमाल को लेकर समय सीमा और उसके मानक तय किये गये है। उन्होने कहा कि कारोबारियों द्वारा बासी खाना या मिठाई दिये जाने या फिर उसकी समय सीमा खत्म होने के बाद भी मिठाईयों की बिक्री की सूचना मिलने पर संबंधित दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया गया है। 

खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री सिंह ने बताया कि उक्त प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक  खाद्य कारोबारकर्ता को दुकान की सफाई व्यवस्था एवं स्वास्थ्य मानकों का पूरा ध्यान रखना होंगा। पैकेज मिल्क प्रोडक्ट्स मिठाईयों पर बनाने व कब तक इस्तेमाल किये जाने की तिथि  के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा एवं मानक (पैकेजिंग एण्ड लेबलिंग) नियमावली-2011 के प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य है। उन्होने कन्टेनर और ट्रे मे रखे जाने वाले खुली मिठाईयों की एक्सपायरी डेट का उल्लेख करते हुए बताया कि कलाकन्द, वटर स्काच, चाकलेट कलाकन्द का निर्माण के एक दिन तक उपयोग में लाया जा सकता है। इसी तरह से दूग्ध उत्पाद और बंगाली मिठाई जैसें-बादाम दूध, रसगुल्ला, रसमलाई, राबडी साई टोस्ट,राजभोग, चमचम, मलाई रोल, बंगाली राबडी, हिरामनी, गुर संघेश, हरि भोग, अनारोध, अनारकली, माधुरी, पाकिजा, रस्क डम्प, गुरकक्ष गोला, संघेश, रासकट्टा, खीरमोहन, गुर रसमलाई, गुरू रसगुल्ला विनिमार्ण के 02 दिनों के भीतर ही उपयोग में लाया जा सकता है।

इसके अलावा लड्डू और खोया की बनी मिठाइयां मिल्क केक, मथुरा पेडा, सादा बर्फी, मिल्क बर्फी, नारियल बर्फी, चाकलेट बर्फी, सफेद पेडा, पिस्ता बर्फी, बूंदी लडडू, लाल लडडू, मोतीचूर मोदक, चिनिया बदाम, मेवा बत्ती, फुूट केक, केसर नारियल लडडू, छोटी मलाई घेवर, व्रत तेसरिया नारियल लडडू, छोटे मेवा लडडू, गुलाबी बर्फी, तिल बुग्गा, रेवडी ररफी, ड्राई फ्रूट लि बग्गा, शाही घेवर, खोया केयर बदाम रोल, तिल बाटी, खीर कदम, खीर बीज बर्फी, नारियल बर्फी, मोतीद पाक आदि के विनिमार्ण के चार दिनों के भीतर ही उपयोग में लाया जा सकता है। उन्होने घी ड्राई फ्रूटस ड्राई फ्रूटस लड्डू, काजू कतली के साथ मिठाई घेवर, साकार पारा, गुर पारा, शाही लड्डू, मूंग बर्फी, आटा लड्डू, ड्राई फ्रूट गुजिया, मोती बूंदी की लड्डू, केसर बर्फी, काजू, काजू सक पके हूय गोजिया, बादाम लौंग, कालूसाही, बादाम बर्फी, काजू अंजीर रोल, केसर बडी मलाई, चन्द्रकला, केसर गुजिया, मैदा गुजिया, काजू खजूर, पिस्टा लौंग, केसर खजूर, अंजीर केक, काजू सेव, काजू गुजिया, काजू कलश, काजू केसर काजू, लाडू, काजू काजू रोल, काजू समोसा, दिलखुशाल बर्फी,  कतली, काजू बेक्ड काजू, बर्फी, काजू बेसन बर्फी, काजू रोज कतली आदि विनिमार्ण के सात  दिनों के भीतर ही उपयोग में लाने की हिदायत दी, जबकि एटा लड्डू, लड्डू, चना लड्डू, चना बर्फी, खजूर बर्फी, कराची हलवा, सोहन हलवा, गजक, आदि बनाने के तिथि से तीस दिनों के भीतर ही उपयोग में लाने की बात कही। अभिहित अधिकारी ने जनपद के खाद्य कारोबारियों को शासन के गाइडलाइंस का अक्षश: पालन करने का निर्देश देते हुए कहा कि नागरिकों के स्वास्थ्य से किसी तरह की लापरवाही और मनमानी क्षम्य नही होगा।



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