एसडीएम ने किया फैसला " आन दी स्पाट " 500 एकड़ जमीन जब्त - Yugandhar Times

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Saturday, October 24, 2020

एसडीएम ने किया फैसला " आन दी स्पाट " 500 एकड़ जमीन जब्त

🔴 साक्ष्य प्रस्तुत न करने की दशा मे अभिलेख में दर्ज काश्तकारों को उनका हक दिलाने के बाद बाकी फसलों को घोषित कर दिया जायेगा सरकारी संपत्ति

 🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क

कुशीनगर। पडोसी राज्य बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र पर बसा खड्डा तहसील अन्तर्गत ग्राम बाल गोविन्द छपरा एसडीएम ने ग्राम न्यायालय लगाकर 500 एकड की भूमि पर तीन दशको से चले आ रहे विवादों की सुनवाई करते हुए बतौर उप मजिस्टेट जब्ती का आदेश कर फैसला आन द स्पाट सुनाया। इस दौरान अवैध कब्जाधारियो को एक माह मे अपना साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश किया। 

काबिलेगोर है कि जिले खड्डा तहसील के रेता क्षेत्र के बाल गोविन्द छपरा के बाशिंदों ने उपजिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर बिहार प्रांत के दर्जनों लोगो द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर फसल बोने की शिकायत की थी। इसको गंभीरता से लेते हुए एसडीएम अरविन्द कुमार, तहसीलदार एसके राय मय फोर्स गंडक नदी के दुसरे छोर भैसहा ग्राम पंचायत के मौजा बाल गोविन्द छपरा पहुचे। कहना न होगा कि बिहार सीमा पर स्थित इस मौजा मे तकरीबन पांच सौ एकड़ भूमि ऐसी है जिस पर नाम तो स्थानीय गांव के बाशिंदों का दर्ज है लेकिन कब्जा बिहार के दबंगों का है। 

🔴 अब तक नही पहुचा था कोई अफसर

बताया जाता है बाल गोविन्द छपरा के किसान अपने जमीन पर कब्जा पाने के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके थे लेकिन भौगोलिक स्थिति के वजह से कोई अधिकारी मौके पर पहुचने का जहमत नही उठाया था। 

🔴  शिकायत सही पाया

ग्राम सभा के भूमि प्रबंधन मिति के शिकायत पर उप जिला मजिस्ट्रेट अरविन्द कुमार अपने लाव-लश्कर के साथ गांव मे पहुचे और एतिहासिक ग्राम न्यायालय लगाते जमीन पर बैठकर ही मामलो की सुनवाई किया। इसके बाद मौके पर जाकर नक्शा, सीमाकंन और वर्तमान स्थिति का जायजा लिया। एसडीएम कहना है कि  मौके पर लगाये गये कोर्ट मे दोनो पक्षों की सुनवाई की गयी प्रथम दृष्टया ग्रामसभा के भूमि प्रबंधन समित व काश्तकारों की शिकायत सही पाई गई। लिहाजा विवादित 500 एकड़ से ज्यादा की फसलयुक्त भूमि को तत्काल प्रभाव से जब्त कर लिया गया। उन्होने बताया कि जब्त किये गये जमीन का थानाध्यक्ष खड्डा(पदेन) व ग्राम प्रधान को रिसीवर नियुक्ति कर जमीन व फसल उनके सुपुर्दगी मे दे दी गयी है। 

🔴  साक्ष्य प्रस्तुत न करने की दशा मे होगी फसलो की नीलामी

ग्राम न्यायालय ने अवैध कब्जेदारों को एक माह में अपना साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। अगर निर्धारित समय सीमा के अन्दर अवैध कब्जाधारियो द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया तो अभिलेख में दर्ज काश्तकारों को उनका हक दिलाने के बाद बाकी फसलों को सरकारी संपत्ति घोषित कर फसलो की नीलामी कराकर प्राप्त धनराशि को सरकारी खजाने मे जमा करायी जायेगी।

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