🔴 आक्रोशित ग्रामीणों ने कसया-तुर्कपट्टी मार्ग पर शव रखकर किया जाम
🔴 ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के आश्वासन पर खत्म हुआ जाम
🔴 पिता और सौतेली मा पर लगा हत्या का आरोप, पुलिस हिरासत में लेकर कर रही है पूछताछ
🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। कसया थाना क्षेत्र के गांव पिपरा (राजमंगल पांडेय नगर वार्ड) में रविवार को भोर में 22 वर्षीय एक युवक की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। उसकी नवविवाहिता पत्नी ने सौतेली सास, उसके भाई एवं पिता पर हत्या का आरोप लगाया है। सूचना देने के पांच घंटे बाद भी मौके पर पुलिस के नहीं आने से आक्रोशित ग्रामीणों ने गांव के सामने कसया-तुर्कपट्टी मार्ग को शव रखकर जाम कर दिया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण बोहरा ने मौके पर पहुंचकर इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई के साथ पुलिस लापरवाही की जांच कर दोष सिद्ध होने पर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया।
ग्रामीणों का दो घंटे तक चला जाम ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के इस आश्वासन के बाद समाप्त हो गया। उधर, पुलिस मृत युवक के पिता व सौतेली मां को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। 22 वर्षीय चेतन चौहान उर्फ मुकेश की शादी दो माह पूर्व नीतू से हुई थी। उसकी मां की मौत के बाद पिता राजकुमार चौहान ने दूसरी शादी कर ली थी। पत्नी का कहना है कि कुछ दिन पूर्व भूमि बेचे जाने को लेकर पिता-पुत्र में अनबन चल रही थी। रात में वह पति के साथ छत पर सोई थी। लगभग तीन बजे पति लघुशंका करने नीचे उतरे। आरोप है कि इसी दौरान उसके पिता, सौतेली मां बलवंती एवं कप्तानगंज थाने के गांव सिसवा निवासी उसके भाई गुड्डू ने मिलकर हत्या कर दी।
सड़क जाम करने वालों का आरोप था कि घटना की जानकारी होते ही पुलिस को सूचित किया गया। बावजूद इसके सुबह नौ बजे तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। ग्रामीण पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण बोहरा के मौके पर पहुंचने और आश्वासन पर ग्रामीण शांत हुए पर पुलिस को उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ा। शव कब्जे में लेने के लिए भी पुलिस को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण बोहरा ने बताया कि इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। ग्रामीणों के पुलिस पर आरोप की जांच कर दोष सिद्ध मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। एसओ राम आशीष सिंह यादव ने कहा कि इस मामले में अभी तहरीर नहीं मिली है। कार्रवाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी। घटना की सूचना के बाद पुलिस न पहुंचने का आरोप बेबुनियाद है। अनावश्यक मामले को तूल दिया जा रहा था।
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