🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क
कुशीनगर। नारायणी नदी के घटते जलस्तर ने छितौनी बांध की सुरक्षा के लिए बनाए गए स्पर सी के अप स्टीम ने कटान करना शुरू कर दिया है बाढ़ खंड द्वारा स्पर सी के बचाव के लिए किए जा रहे सारे प्रयास विफल साबित होने लगे हैं। नदी बोल्डर के साथ-साथ मोटे मोटे स्लैब को भी वहाने लगी है।
🔴 सिल्ट सफाई के नाम पर अवैध खनन
बताते चलें कि नारायणी नदी के कहर से ग्रामीणों को बचाने के लिए वर्ष 1968 से लगायत 1973 तक छितौनी बांध व ठोकरो का निर्माण कराया गया था। लेकिन मरम्मत के अभाव में बांध और ठोकर छतिग्रस्त होते चले गए छितौनी बांध के ठोकर नंबर 3 और 4 के बीच प्रशासन द्वारा बालू खनन का टेंडर सिल्ट सफाई के नाम पर करने के कारण यहां से अत्याधिक मात्रा में वैध और अवैध बालू की निकासी की गई जिसे नारायणी नदी इस स्थान पर विकराल रूप धारण कर लिया है।
🔴 संवेदनशील है ठोकर नम्बर-2
कहना न होगा कि ठोकर नंबर 3 और स्पर सी के बीच नदी 90 अंश के कोण पर आकर स्पर सी होते पूरब की ओर मुड़ती है यह स्थान अति संवेदनशील होने के कारण स्पर सी के निर्माण के समय बड़े-बड़े स्लैव का निर्माण कर नदी के वेग को कम करने का प्रयास किया गया लेकिन इस वर्ष आई बाढ़ के बाद नदी का जलस्तर जब घटने लगा तो नदी ने कटान करना शुरू कर दिया है। नदी के रूप को देख बाढ़ खंड के अधिकारियों ने स्पर सी को बचाने के लिए बोरों में बालू भरकर तथा बोल्डर की जाली डालकर स्पर को बचाने की कवायद की जाने लगी लेकिन ठेकेदारों द्वारा ठीक ढंग से कार्य नहीं करने के कारण बोल्डर और वोरिया पानी में लांच करने लगा आलम यह है कि अब बोल्डर के साथ-साथ स्लैव भी पानी में गिरने लगे हैं और बाढ़ खंड द्वारा सुरक्षा के किए जा रहे उपाय विफल साबित होने लगे हैं समय रहते यदि स्पर सी पर बचाव और राहत कार्य ठीक ढंग से नहीं कराया गया तो नदी स्पर सी के अस्तित्व को ही समाप्त कर देगी जिसमें करोड़ों रुपए की बर्बादी होने की आशंका दिखाई देने लगी है
🔴 बाढ खण्ड एसडीओ बोले-
इस संबंध में बाढ़ खंड के एसडीओ राजेंद्र पासवान का कहना है कि स्पर सी को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं हम जल्द कटान पर काबू पा लेंगे।
No comments:
Post a Comment