सस्पेंड होने के बाद मनचाही पोस्टिंग पर हो रही है पुलिसकर्मियों की तैनाती - Yugandhar Times

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Monday, September 14, 2020

सस्पेंड होने के बाद मनचाही पोस्टिंग पर हो रही है पुलिसकर्मियों की तैनाती

🔴 युगान्धर न्यूज व्यूरो 

गोरखपुर। आम जनमानस के साथ दुर्व्यवहार, पीडित को परेशान व प्रताड़ित करने, अपने दायित्व और जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाही, एंव अनुशासनहीनता जैसे आरोपों मे गाज गिरने के बावजूद यहा के पुलिसकर्मियों को कुछ ही दिनों में मनमाफिक थानो पर तैनाती मिल जाना अपने आप मे ऐसा सवाल है जो पुलिस महकमा को कटघरे खडा करती है।  मतलब साफ है कि कार्रवाई सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई है। सही मायने मे पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया एक जगह से हटाकर मनमाफिक जगह भेजने की एक अनोखा तरकीब बनते जा रहा है।   अनोखे तरकीब  का लाभ  गोरखपुर के तमाम पुलिस कर्मी ले रहे हैं। पहले जानबूझकर खुद गलती पर गलती करते हैं फिर आला अफसर कार्यवाही के नाम उन्हे हटाते है। फिर कुछ दिनो बाद उस पुलिसकर्मी को मनचाहा जगह तैनात कर दिया जाता है। इसके बदले मे साहब को मोटी रकम बतौर नजराना भी मिलता है ऐसा सूत्रों का कहना है।  अब सवाल यह उठता है कि चंद दिनों में ही उन पुलिसकर्मियों के व्यवहार व कार्य शैली मे सुधार कैसे हो जाता जो वर्दी के रौब मे बिगडे हुए है। इसका जवाब आला अफसरों को तलाशना होगा।   

गौरतलब है कि मार्च माह से जुलाई माह के बीच जिले में कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई। इनमें से अधिकतर अब मलाईदार थानो पर विराजमान हैं। हाल ही में गगहा में मां-बेटे की हत्या व पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद अमर उजाला की टीम ने पड़ताल की तो पुलिसिया कार्रवाई सिर्फ औपचारिकता मिली। जिन थानाध्यक्षों को लापरवाही के आरोप में हटाया गया, वह फिर थानाध्यक्ष की कुर्सी हथियाने में कामयाब हो गये। 

ताजा मामला गोला और गगहा थाना क्षेत्र देखा जा सकता है। मां-बेटे की हत्या के बाद निलंबित किए गए दिलीप कुमार सिंह पहले भी लापरवाही के आरोपों से घिरे थे। इसी आरोप में गीडा के थानाध्यक्ष पद से हटाया गया था, लेकिन वह 10 दिनों के अंदर ही गगहा का थानाध्यक्ष बनने में कामयाब हो गए। कुछ ऐसा ही हाल गोला थानाध्यक्ष पद से लाइन हाजिर किए गए हेमेंद्र का था। वह गोला से पहले हरपुर बुदहट के थानेदार थे। थाने पर प्रदर्शन व घेराव के बाद हेमेंद्र को हटाया गया था। कुछ दिन बाद ही वह गोला के थानाध्यक्ष की कुर्सी पाने में सफल हो गए थे।  

केस-1

बेलघाट थाना क्षेत्र में डीजे बजाने को लेकर बवाल हुआ था। चौकी पर हमला करके उत्पात मचाया गया था। इस मामले में तत्कालीन थानेदार भवानी भीख राजभर को लाइन हाजिर कर दिया गया। आरोप था कि बेगुनाह जनता पर भवानी भीख राजभर ने बल प्रयोग किया था। अब वह झंगहा के थानाध्यक्ष हैं।   

केस-2

चिलुआताल के मजनू चौकी प्रभारी रहे मनोज राय पर लापरवाही का आरोप लगा और लाइन हाजिर कर दिए गए। कार्रवाई के चंद दिनों बाद ही वह झंगहा थाने में तैनाती पाने में सफल हो गए।

केस- 3  

चिलुआताल थाने पर रहे सूर्यभान सिंह पर काम में लापरवाही के आरोप गले। उन्हें लाइन हाजिर किया गया था। कुछ दिनों में ही नई तैनाती भी मिल गई। अब वह चौरीचौरा के थानेदार हैं।

केस-4

पांडेयहाता चौकी इंचार्ज रहे चंदन सिंह पर भी लापरवाही के आरोप लगे थे। उन्हें लाइन हाजिर भी किया गया था। अब चंदन सिंह रामनगर कड़जहां के चौकी इंचार्ज हैं।

केस-5

पीपीगंज थानेदार रहे राजप्रकाश को लापरवाही के आरोप में लाइन हाजिर किया गया था। अव वह गगहा के थानाध्यक्ष बनाए गए हैं। गगहा में पिछले दिनों ही मां-बेटे की हत्या की गई थी। इस आरोप में थानेदार हटे तो राज प्रकाश को जिम्मेदारी मिल गई।  

🔴 डीआईजी बोले-

डीआईजी गोरखपुर रेंज राजेश डी मोदक ने बताया कि अगर किसी आरोप में कोई हटाया गया है तो जांच के बाद ही नई तैनाती दी जानी चाहिए। इसका उल्लंघन नहीं होना चाहिए। यह मामला देखा जाएगा। नियमानुसार ही कार्रवाई, फिर नई तैनाती की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।



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