🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क
कुशीनगर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने अपना गला काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की। इससे पहले उसने ड्यूटी कर रहे कर्मचारी और डॉक्टर पर भी हमला किया। संक्रमित मरीज के गले की नस कट जाने कारण जनरल सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने रात में ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई। घटना के बाद वार्ड में हड़कंप मच गया।
घटना कुशीनगर जनपद का है। बताया जाता है कि 45 वर्षीय युवक मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में भर्ती हैं और उसका इलाज चल रहा है। शुक्रवार से ही संक्रमित मरीज अजीबोगरीब हरकत करने लगा। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि दुसरे दिन संक्रमित को पता नही कहा से चाकू मिल गया और वह वार्ड में सफाई कर रहे कर्मचारी पर हमला कर दिया। संक्रमित के हमले से किसी तरह वह कर्मचारी अपनी जान बचाकर भगा। जब इसकी जानकारी वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर को दी गयी तो उन्होंने मरीज को समझाने की कोशिश की। इस पर संक्रमित मरीज ने चिकित्सक पर भी प्रहार कर किया। इसके बाद वार्ड मौजूद दूसरे मरीज भाग खड़े हुए। वार्ड मे अफरातफरी मच गया। फिर कुछ देर बाद ही युवक ने अपने ही गले रेत लिया जिससे उसके गले की नस कट गई।
🔴 रात में हुआ ऑपरेशन
इस घटना के बाद कोरोना वार्ड हड़कंप मच गया। कर्मचारियों ने इसकी सूचना रात में प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार को दी। आनन-फानन में संक्रमित की जान बचाने के लिए ऑपरेशन करने का फैसला किया गया। जनरल सर्जरी के डॉ. अशोक यादव और डॉ. मुकुल सिंह की टीम ने ऑपरेशन किया। तीन घंटे तक ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने जख्मी संक्रमित युवक के फेफड़े में जमें खून को निकालकर नस की मरम्मत की।
🔴 एक दिन रहा वेंटिलेटर पर
डॉक्टर संक्रमित की जान बचाने में सफल हुए। उसे 24 घंटे वेंटिलेटर पर रखा गया। अब उसकी हालत खतरे से बाहर है। मरीज को वेंटिलेटर से हटा कर हाई डिपेंडेंसी यूनिट में शिफ्ट कर दिया गया है।
🔴 बच गई थी खाने की नली
डॉ. अशोक यादव ने बताया कि इस मामले में जनरल सर्जरी की क्विक रिस्पांट टीम आगे आई। घायल के गले की सांस की नली कट गई थी। खाने की नली बची थी। अगर एक घंटे में ऑपरेशन न होता तो उसकी जान बचाना कठिन हो जाता।
🔴बोले बीआरडी प्राचार्य
बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा0 गणेश कुमार ने कहा कि घटना बीती रात में हुई । उस समय मरीज को बचाने के लिए उन डॉक्टरों को बुलाना पड़ा जो कोविड ड्यूटी कर चुके थे। रात में ही ऑपरेशन किया गया। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है। उसकी हालत खतरे से बाहर है।
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