पुलिसिया ताडंव देख भयभीत है गांव की महिलाए और बच्चे - Yugandhar Times

Breaking

Saturday, July 4, 2020

पुलिसिया ताडंव देख भयभीत है गांव की महिलाए और बच्चे




 🔵 खाकी की खौफ से गांव से नदारत हुए पुरुष
 🔵ग्रामीणों मे पुलिसिया दहशत बरकरार
 🔴 अशोक मिश्र 
तमकुहीराज, कुशीनगर। बीते 30 जून को डिबनी बाजार पुलिस चौकी पर हुआ उसकी कल्पना नहीं थी। लेकिन उसके बाद जो हुआ वह उससे भी भयावह था। तभी तो दिन के उजाले में रकबा राजा गांव में कुछ पुरुष नजर तो आ जा रहें, लेकिन रात के अंधेरे में पूरा गांव पुरुष विहीन हो जा रहा। महिलाएं भी 30 जून के रात के घटना को याद कर भयभीत हो जा रही।
घटना के बाद से ही डिबनी से रकबा राजा गांव पर पौनी नजर रखने वाले जानकर बताते है कि 30 जून को डिबनी बाजार में जो हुआ उसके पीछे मात्र दबंगई ही थी। कारण जब कही भी दो पक्ष आपस मे लड़ता है तो तीसरा मध्यस्तता कर उसे सलटा देता है। लेकिन डिबनी में पुलिस चौकी के पास जब दो लोग झगड़ रहे थे तो पुलिस हस्तक्षेप क्यों नही की इसके पीछे भी बड़ा रहस्य छुपा है।
जानकर बताते है कि बिहार सीमा पर स्थित इस बाजार में ऐसी घटनाएं हर रोज होती है, पुलिस तब तक देखती है, जब तक दोनों पक्ष ठीक से भिड़ न जाय। फिर पुलिस दोनों पक्ष को चौकी में बैठा मोलभाव शुरू कर देर रात तक उन्हें छोड़ देती है। उस दिन पूर्व प्रधान पुलिस के इस गणित को समझ नही पाये और बीच बचाव कर झगड़ा छुड़ा दिया। ऐसे में पुलिस पूर्व प्रधान को सबक सिखाये बिना कैसे चुप रह जाती। उधर पुलिस ने भी पूर्व प्रधान को सामान्य तौर पर लिया उन्हें पुलिस चौकी लाकर बुरी तरह पीटना शुरू कर दी। जिसे देख लोगों ने पुलिस का विरोध किया। पुलिस लोगों के भावना को समझने में चूक कर दी, ग्रामीण पूर्व प्रधान को छुड़ा इलाज को भेज दिये। इस बीच दोनों पक्षों को हल्की चोट आयी।
पुलिस ने रात में जो कहानी बनाई वह उसकी दूसरी चूक थी। पुलिस चौकी पर ग्रामीणों द्वारा जो कृत्य बताया गया वह मात्र एक कहानी ही थी। और उसी कहानी के आधार पर पुलिस ने पूर्व प्रधान के बहाने उनके गांव में ऐसा तांडव मचाया की आम आदमी की कौन कहें गांव की महिलाएं भी इतना भयभीत है कि वे गांव छोड़ रिश्तेदारियों की ओर रुख कर रही है। बच्चों का बचपन भय के साये में नजर आ रहा है।
🔵पूर्व प्रधान के जगह वर्तमान प्रधान को पुलिस ने क्यों बनाया निशाना
क्षेत्र के लोगों में आक्रोश एवं भय इस बात से है कि पुलिस ने पूर्व प्रधान के जगह वर्तमान प्रधान के घर ऐसा तांडव मचा सकती है तो आम आदमी का क्या विसात, वैसे भी अज्ञात के नाम पर आम आदमी को पुलिस द्वारा उठाने और छोड़ने की यहां की जो परम्परा रही है, उसे देख पूरा गांव खाली हो गया है। गांव में जाने पर सिर्फ लोगों के रिश्तेदार मिल रहे है, जो अपने रिश्तेदार का खोज खबर लेने या फिर उन घरों में आवश्यकता के समान को पहुँचाने आये है। शाम होते ही रिश्तेदार भी गायब, यह सिलसिला कब तक चलेगा कहा नही जा सकता।
🔵महिलाएं क्यों है भयभीत
महिलाएं बताती है कि वर्तमान प्रधान के घर तांडव मचा रही पुलिस ने प्रधान के हृदय रोगी पत्नी के सामने उसके लॉकर और अलमारी को तोड़ लूटपाट करने के समय जब उसने पुलिस का पैर पकड़ भीख मांगा तो पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा, माँ को पीटते देख छोटे बच्चों ने पुलिस अंकल माँ को छोड़ दो कह पैर पर गिर गये, लेकिन पुलिस ने उन सबको छोड़ने के बजाय उन्हें भी बुरी तरह पीटा ऐसे में इन महिलाओं का भयभीत होना.....?
🔵90 वर्ष का व्यक्ति बना आरोपी
पुलिस जिस बुजुर्ग को पकड़ कर ले गयी, और उसके साथ जिस तरह का व्यवहार की उसे देख आम आदमी का भयभीत होना लाजमी ही है। गांव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति जो अपने दरवाजे से कहीं जा ही नही सकता उसको आरोपी बताकर जेल भेजना भी लोगों में भय का बड़ा कारण बताया जा रहा है।
🔵किसानों के सामने बड़ा संकट
खेती के समय में गांव में किसी व्यक्ति का न होना एक किसान परिवार के सामने कितना बड़ा संकट खड़ा करता है, इसका अंदाजा एक किसान ही बता सकता है। इस गांव में सब्जी की खेती अधिकतर लोग करते है, लेकिन पुलिस के भय के बीच कुछ लोगों के खेतों में तैयार सब्जियां खराब हो रही है तो कई लोग समय से अपनी खेती तक नही कर पा रहे है।
🔴महिलाए लगाई गहार: महाराज जी गांव को बचा लिजिए 
गांव के महिलाओं ने प्रदेश के मुखिया को भगवान के रूप में देखते हुए कहा पूज्य महाराज जी हमारे गांव को बचा लीजिए। बाहर के किसी बड़े साहब से जांच करा दीजिए।  सच सामने आ जायेगा। पुलिस लुटती भी है, पिटती भी है और इज्जत पर हाथ डालने पर विरोध करने पर कपड़े तक फाड़ देती है।
पूज्य योगी जी... महाराज जी..गांव को बचा लीजिए।
🔵पुलिस से कोई भयभीत न हो- अपर पुलिस अधीक्षक
घटना के तीसरे दिन डिबनी बंजरवा पुलिस चौकी और रकबा राजा गांव पहुँचे अपर पुलिस अधीक्षक कुशीनगर ने पुलिस कर्मियों एवं पुलिस चौकी पर हुए घटना को दुर्भाग्य बताया। उन्होंने कहा ग्रामीणों ने जो किया वह कहीं से भी उचित नहीं है, और ऐसे अपराध के लिए आरोपियों को दंड मिलना ही चाहिए।
रकबा गांव में पहुँचने पर जो लोग मिले उन्हें उन्होंने भरोसा दिलाया कि पुलिस से डरने की बात नहीं। आप लोग शांति के साथ गांव में रहे और पुलिस की मदद करें। कुछ गलतियां हुई है, जिन्हें सुधारने की जरूरत है।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Responsive Ads Here