माँ-बेटी की हत्या कर शव दफनाने वाला शमशाद गिरफ्तार - Yugandhar Times

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Friday, July 24, 2020

माँ-बेटी की हत्या कर शव दफनाने वाला शमशाद गिरफ्तार


🔴 युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क 
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में मां-बेटी की हत्या कर शवों को घर में दफनाने के मुख्य आरोपी शमशाद को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। शमशाद के पैर में गोली लगी है। उसे घायल हालत में जिला अस्पताल में ले जाया गया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी के पास से पिस्टल, कारतूस और एक बाइक बरामद हुई है। बता दें, शमशाद ने धर्म छिपाकर महिला को प्रेम जाल में फंसाया, उसके साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहा और जब पोल खुली तो महिला और उसकी बेटी की हत्या कर शवों को घर में दफना दिया। पुलिस ने बुधवार को शमशाद के घर से मां-बेटी के कंकाल बरामद किए थे।
बेशक। मेरठ में प्रिया और उसकी 10 साल की बेटी कशिश की हत्या का राज शायद कभी सामने नहीं आता अगर चंचल ने साढ़े तीन महीने तक उन्हें ढूंढने की कोशिश ना की होती। प्रिया और उसकी बेटी के अचानक लापता होने के बाद से ही प्रिया की दोस्त चंचल चौधरी परेशान थी, उसने दोनों को ढूंढने के लिए लंबा संघर्ष किया। प्रिया और कशिश तो इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन चंचल की वजह से उनका हत्यारा शमशाद अब सलाखों के पीछे पहुंच चुका है। पुलिस ने शमशाद के घर से प्रिया और उसकी बेटी के कंकाल बरामद करने के बाद उसके घर के एक हिस्से को जेसीबी से ढहा दिया है।
🔵10 साल पहले हुई थी प्रिया और चंचल की दोस्ती
प्रिया की दोस्त चंचल मोदीनगर की रहने वाली हैं। चंचल बताती हैं कि उनकी दोस्ती प्रिया से दस साल पहले 2010 में शुरू हुई थी। दरअसल, पति से तलाक के बाद प्रिया आसरे की तलाश में अपनी एक साल की बेटी को गोद में लेकर चंचल के घर किराए पर रहने के लिए पहुंची थी। चंचल ने बताया कि प्रिया की बेटी के साथ खेलते-खेलते उनमें गहरी दोस्ती हो गई। प्रिया की अपने परिवार से भी अनबन थी, यही वजह थी कि वह पिछले 10 साल में अपने मायके लोनी एक भी बार नहीं गई।

🔵.... और अचानक बंद हो गया प्रिया का मोबाइल
चंचल ने बताया कि 5 साल पहले प्रिया की शमशाद से मुलाकात हुई और दोनों की लव स्टोरी शुरू हुई। प्रिया मेरठ में रहने लगी, लेकिन दिन में चार से पांच बार मोबाइल पर चंचल से जरूर बात करती थी। वह शमशाद की एक-एक बात शेयर करती थी। चंचल ने बताया कि 28 मार्च 2020 को प्रिया का मोबाइल अचानक बंद हो गया। उसने शमशाद से फोन करके पूछा तो उसने प्रिया के घर से कहीं चले जाने की बात कही। ​चंचल को शमशाद की बातों पर शक हुआ। कई दिनों तक फोन बंद होने और कुछ पता नहीं चलने के बाद चंचल ने 15 अप्रैल को पहली शिकायत मेरठ के परतापुर थाने में की।
🔴 पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
शिकायत में चंचल ने बताया कि शमशाद ने प्रिया और उसकी बेटी कशिश को या तो बेच दिया है या फिर जान से मारकर छिपा दिया है। आरोप है कि पुलिस ने चंचल पर दबाव बनाया कि वह केस वापस ले ले। आरोप है कि 2 जुलाई को चंचल से समझौतानामा लिखवा लिया गया कि वह मानसिक रूप से परेशान है और इस केस में कोई कार्रवाई करना नहीं चाहती। यह भी आरोप है कि परतापुर थाने के इंस्पेक्टर क्राइम भूपेंद्र ने चंचल को फोन किया और कहा कि केस वापस ले ले, वरना कोर्ट के चक्कर काटने पड़ेंगे। हालांकि, चंचल अपनी बात पर अडिग रही। आरोप है कि दरोगा ने रात 12 बजे चंचल को कॉल करके अश्लील बात करने की कोशिश भी की। चंचल के पास इस तरह के करीब आठ ऑडियो हैं, जिनमें पुलिस की लापरवाही सामने आ रही है। एसएसपी अजय साहनी ने सभी ऑडियो का संज्ञान लेते हुए जांच शुरू करा दी है।
🔵खुला राज, सलाखों के पीछे पहुंचा हत्यारा 
चंचल को जब ये लग गया कि पुलिसवालों से बात करने का अब कोई फायदा नहीं तो उसने धर्म जागरण मंच के बेटी बचाओ प्रांत प्रमुख मनीष लोईया से संपर्क किया। चंचल ने मनीष को पूरी जानकारी दी। इसके बाद मनीष लोईया, मधुबन आर्य, दिलीप कुमार, आशीष आदि लोगों ने एसएसपी से मिलकर मुकदमा दर्ज कराया। एसएसपी ने सीओ ब्रह्मपुरी को मामले की जांच सौंपी। पुलिस ने शमशाद से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इसके बाद पुलिस ने शमशाद के घर में खुदवाई कराई, जहां प्रिया और उसकी बेटी कशिश के कंकाल बरामद हुए। पुलिस ने गुरुवार को शमशाद को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर उसके घर एक एक हिस्सा भी जेसीबी से गिरा दिया है।

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