कानपुर। आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मास्टरमाइंड विकास दुबे पुलिस अभिरक्षा मे पुलिस के हाथो मारा गया है। बताया जा रहा है कि कानपुर टोल नाके से 25 किलोमीटर दूर विकास दुबे को ला रही गाडी पलट गई। पुलिसिया कहानी अनुसार विकास दुबे पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और पुलिस की गोली का शिकार हो गया। विकास दूबे की मौत की पुष्टि करते हुए कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार ने कहा कि इस एनकाउंटर मे चार पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं।
एसएसपी दिनेश कुमार का कहना है कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिसवालों का हथियार छीनकर भाग रहा था उसे सरेंडर करने को कहा लेकिन विकास दुबे ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई है।
🔴 प्रत्यक्षदर्शी ने सुनी फायरिंग की आवाज
मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हमने फायरिंग की आवाज सुनी थी लेकिन गाड़ी का एक्सीडेंट नहीं हुआ थ। हमने गोली की आवाज सुनी। इसके बाद पुलिस ने हमें भगाने की कोशिश की हम वहां से हट गए. हम लोगों ने गोलियों की आवाज सुनी थी किसी ने किसी तरह के एक्सीडेंट या फिर गाडी पलटने की कोई आवाज नही सुनी।
🔴पिस्टल छीनकर भाग रहा था विकास दुबे
एसएसपी दिनेश कुमार ने कहा कि जैसे ही गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ, विकास दुबे घायल पुलिसकर्मी का पिस्टल छीनकर भागने लगा. पुलिस ने कई बार उसे सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी।जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे को सीने और कमर में गोली लगी।
🔵 प्रत्यक्षदर्शी ने सुनी फायरिंग की आवाज
मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि हमने फायरिंग की आवाज सुनी थी. गाड़ी का एक्सीडेंट नहीं हुआ था. हमने गोली की आवाज सुनी. इसके बाद पुलिस ने हमें भगाने की कोशिश की. हम वहां से हट गए. हम लोगों ने गोलियों की आवाज सुनी थी।
🔴 कैसे हुआ हादसा
विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर कानपुर पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया, '5 लाख के इनामी विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार किये जाने के बाद पुलिस और एसटीएफ टीम आज 10 जुलाई को कानपुर नगर ला रही थी. कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई. विकास दुबे और पुलिसकर्मी घायल हो गए.'कानपुर पुलिस के मुताबिक, 'इस दौरान विकास दुबे ने घायल पुलिस कर्मी की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की. पुलिस टीम द्वारा पीछा कर उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया, लेकिन वह नहीं माना और पुलिस टीम पर फायर करने लगा. पुलिस ने आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की. इस दौरान विकास दुबे घायल हो गया।
🔴 पुलिस का क्या है कहना
पुलिस के अनुसार, घायल विकास दुबे को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज का दौरान 5 लाख के इनामी विकास दुबे की मौत हो गई. कानपुर पुलिस की ओर से अभी बयान जारी किया गया है. इस बाबत कोई भी पुलिस अधिकारी कैमरे के सामने बोलने से बच रहा है।
🔴उज्जैन के महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था विकास दुबे
मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर से कल विकास दुबे पकड़ा गया था. उसकी गिरफ्तारी बड़े फिल्मी अंदाज में हुई थी. उज्जैन पुलिस की माने तो विकास दुबे महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचा था. पहले माली को शक हुआ, फिर मंदिर के गार्ड ने विकास दुबे की पहचान की। इसके बाद स्थानीय पुलिस को बुलाया गया, जिसकी पूछताछ में पहले विकास दुबे ने अपना नाम शुभम बताया, लेकिन बाद में खुद को घिरा देखकर उसने चिल्लाया कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला. इसके बाद उज्जैन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और देर रात उसे यूपी एसटीएफ को सौंप दिया गया।
🔵विकास दुबे ने की थी आठ पुलिसकर्मियों की हत्या
कानपुर के बिकारू गांव के रहने वाले विकास दुबे पर आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या का आरोप था. पुलिस टीम उस पर दबिश देने गई थी, तभी पहले से घात लगाए विकास दुबे और उसके गुर्गों ने हमला बोल दिया था. 200 से 300 राउंड की फायरिंग की गई थी. इस दौरान सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या के बाद विकास दुबे और उसके गुर्गे फरार हो गए थे. विकास दुबे की तलाश में पूरे प्रदेश को छावनी में बदल दिया गया था. घटना के 6 दिन बाद विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था।
पुलिस के अनुसार, घायल विकास दुबे को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज का दौरान 5 लाख के इनामी विकास दुबे की मौत हो गई। यह बयान कानपुर पुलिस की ओर से जारी किया गया है। इस बाबत कोई भी पुलिस अधिकारी कैमरे के सामने बोलने से बच रहा है।
🔴 विकास दुबे के सरेंडर से लेकर उसकी मौत तक के सफर पर एक नजर
✔️ गुरुवार 9 जुलाई को सुबह करीब 9.30 बजे विकास दुबे ने उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर किया. जानकारी के मुताबिक विकास ने मंदिर के गार्ड को अपना नाम बताया, जिसके बाद पुलिस को जानकारी दी गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
✔️इसके बाद उज्जैन पुलिस ने ही उससे करीब 8 घंटे तक पूछताछ की. जानकारी के मुताबिक, उसने खुलासा किया था कि वो शवों को जलाना चाहता था।
✔️इस बीच कानपुर में यूपी पुलिस ने विकास दुबे की पत्नी ऋचा और उसके नाबालिग बेटे को भी हिरासत में ले लिया.पुलिस ने ऋचा से पूछताछ की।
✔️उज्जैन में विकास दुबे पर किसी तरह का कोई केस न होने के कारण और कानपुर एसएसपी के आग्रह पर उसे शाम में ही यूपी पुलिस की एसटीएफ की टीम के हवाले कर दिया गया, जो शाम में ही वहां पहुंची थी।
✔️इसके बाद एसटीएफ की टीम एक बड़े काफिले के साथ उसे लेकर सड़क मार्ग से ही उज्जैन से कानपुर के लिए रवाना हो गई।
✔️शुक्रवार 10 जुलाई सुबह करीब साढ़े 6 बजे विकास दुबे को लेकर आ रही एसटीएफ की टीम ने कानपुर की सीमा में प्रवेश किया. जानकारी के मुताबिक उसे किसी अज्ञात जगह पर ले जाकर पूछताछ करनी थी औऱ फिर 10 बजे कोर्ट में पेश करना था।
✔️करीब 7:25 बजे एसटीएफ की वो गाड़ी रास्ते में ही पलट गई, जिसमें विकास दुबे बैठा था. जानकारी के मुताबिक इस दौरान उसने बचकर भागने की कोशिश की और पुलिस के साथ उसकी मुठभेड़ हो गई. उसे गोली भी लगी।
✔️घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां करीब 7:45 बजे इस कुख्यात गैंगस्टर की मौत हो गई।
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