🔵 युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा एनकाउंटर में एक कर्नल, एक मेजर और 2 जवान समेत 5 लोग शहीद हुए हैं। शहीद होने वालों में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक सब इंस्पेक्टर भी शामिल है। आशुतोष शर्मा के नेतृत्व में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ कई ऑपरेशन को अंजाम दिया था।
बेशक। 21-राष्ट्रीय राइफल्स हंदवाड़ा इलाके में सुरक्षा के लिए तैनात है। शुक्रवार को जैसे ही कर्नल आशुतोष को आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली वो अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए सर्च ऑपरेशन के लिए निकल पड़े,लेकिन जिस घर में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी दरअसल वो वहां नहीं थे। इसके बाद कर्नल आशुतोष शर्मा आतंकियों को घेरने के लिए दूसरे घर में दाखिल हुए, आतंकी दरअसल वहीं थे। शनिवार दोपहर को बाहर से कमांड ले रहे ऑफिसर्स का कमांडिंग ऑफिसर से संपर्क टूट गया। आखिरकार रविवार को एक घर से सभी लोगों का शव बरामद हुआ। इसमें दो आतंकी समेत पांच सुरक्षाकर्मियों का मृत शरीर भी मौजूद था।
🔴कर्नल आशुतोष दो बार पा चुके है वीरता पुरस्कार
21 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर रहे कर्नल आशुतोष को दो बार वीरता पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। शहीद आशुतोष पिछले पांच सालों में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में अपनी जान गंवाने वाले कर्नल रैंक के पहले कमांडिंग अफसर थे। इससे पहले साल 2015 के जनवरी में कश्मीर घाटी में कर्नल एमएन राय शहीद हुए थे।
🔵 लंबे समय से थे गार्ड रेजिमेंड मे
कर्नल आशुतोष शर्मा काफी लंबे समय से गार्ड रेजिमेंट में थे। गार्ड रेजिमेंट लंबे समय से घाटी में सेवा दे रही है। कर्नल आशुतोष इकलौते कर्नल थे, जिन्हें कश्मीर में दो बार वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। जिसमें एक कमांडिंग ऑफिसर के रूप में उनकी बहादुरी के लिए शामिल है।
🔵जवान की बचायी थी जान
शहीद आशुतोष शर्मा को कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर अपने कपड़ों में ग्रेनेड छिपाए हुए आतंकी से जवानों की जिंदगी बचाने के लिए वीरता मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। दरअसल, एक आतंकी उनके जवानों की ओर अपने कपड़ों में ग्रेनेड लेकर बढ़ रहा था, तब शर्मा ने बहादुरी का परिचय देते हुए आतंकी को गोली मारकर अपने जवानों की जान बचाई थी।
🔵 कर्नल की बेटी ज्वॉइन करना चाहती है आर्मी
एनकाउंटर में शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा के परिवार को उनकी शहादत पर गर्व है। उनकी छोटी-सी बेटी भी आर्मी जॉइन करना चाहती है। कर्नल शर्मा के बड़े भाई का कहना है कि उनके अंदर देश सेवा करने का जज्बा था।
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