निजामुद्दीन में कोरोना का कहर - Yugandhar Times

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Friday, April 3, 2020

निजामुद्दीन में कोरोना का कहर


नई दिल्ली  दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज यानी इस्लामिक धार्मिक आयोजन केंद्र में कोरोनावायरस संक्रमण का सबसे बड़ा मामला सामने आने के बाद देश की राजधानी सहित पूरे देश में हड़ंकप मचा हुआ है। सोमवार को यहां मौजूद 253 संदिग्ध मरीज तीन अस्पतालों में भर्ती करवाए गए थे। वहीं, 1500 अन्य लोग मरकज में ही क्वारेंटाइन किए गए हैं।
रविवार को यहां से 99 सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 24 पॉजिटिव मिले। अब सभी लोगों के सैंपल लिए गए हैं। पिछले दिनों यहां से करीब 800 लोग बाहर जा चुके हैं। पुलिस और देश की सभी राज्य सरकारें इन्हें ढूंढ़ रही है। पूरे मामले पर तिथिवार एक नजर..... ।
13 मार्च: हजरत निजामुद्दीन दरगाह क्षेत्र में आयोजित मरकज में हिस्सा लेने के लिए लगभग 3,400 लोग देश के अलग—अलग राज्यों और विदेश से पहुंचे। 13 मार्च को ही यह समूह ऐसे मौके पर जुटा जब राज्य सरकार की ओर से 31 मार्च तक दिल्ली में 200 से अधिक लोगों की धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक सभाओं की अनुमति रोक दी गई थी।
16 मार्च: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने और भी ज्यादा सख्त कदम उठाते हुए दिशा—निर्देशों में बदलाव किए। कोरोना के खतरे को देखते हुए 50 से अधिक लोगों के जमावड़े पर रोक लगा दी गई। इस दौरान भी मरकज में लोग इकट्ठा रहे।
20मार्च: मरकज का हिस्सा बनने के लिए 10 इंडोनेशियाई नागरिक तेलंगाना में कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए।
22 मार्च: जनता कर्फ्यू की घोषणा हुई।
23 मार्च: 1500 लोग मरकज से वापस जा चुके थे।
24 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की।
25 मार्च: मरकज में लगभग 1,000 लोग बाकी थे। जमात के अधिकारी लोगों को वापस भेजने की अनुमति का आवेदन देने एसडीएम कार्यालय पहुंचे।
26 मार्च: मरकज में आए एक उपदेशक कोरोना पॉजिटिव पाए गए। बाद में श्रीनगर में उनकी मौत हो गई।
26 मार्च: दिल्ली के एसडीएम मरकज का दौरा करते हैं। यहां जमात के अधिकारियों के साथ उनकी बैठक हुई।
27 मार्च: कोरोना के छह संदिग्धों को मरकज से निकाल चिकित्सा जांच के लिए भेजा गया। इसके बाद उन्हें क्वारंटीन के लिए हरियाणा के झज्जर भेजा गया।
28 मार्च: एसडीएम और विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम मरकज गई। इसके बाद 33 लोगों को चिकित्सा जांच के लिए राजीव गांधी कैंसर अस्पताल भेजा गया।
28 मार्च: एसीपी (लाजपत नगर) ने मरकज को खाली करने के लिए नोटिस भेजा।
29 मार्च: एसीपी के पत्र के जवाब में मरकज के अधिकारियों ने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन के बाद किसी भी नए व्यक्ति को अंदर नहीं आने दिया गया है। यहां जो लोग मौजूद हैं वो प्रधानमंत्री की तरफ से किए गए लॉकडाउन के पहले आए हुए हैं। यहां प्रधानमंत्री के बयान का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया था “जो जहां है वहीं रहे”।
29 मार्च की रात से: दिल्ली पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों की तरफ से लोगों को मरकज के बाहर निकाल कर क्वारंटीन सुविधा के लिए अस्पताल भेजा जाने लगा।
31 मार्च: शाम तक 1,548 लोगों को निजामुद्दीन मरकज से बाहर निकाल लिया गया।

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