🔴डीएम साहब आल इज नाट वेल हियर
🔵 रजनीश राय
कुशीनगर ।दुनिया के अन्य देशों के तुलना में अभी हमारे देश के आंकड़े हम सभी को भले ही राहत और सुकून दे रहे है लेकिन सरकार और प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री द्वारा संजीदगी और संयम के साथ किये जा रहे तमाम प्रयासों को धता बता कर तमकुहीराज तहसील में जिस तरह से लोग लॉक डाउन का उल्लंघन कर रहे है वह बहुत घातक है और महामारी को दावत देने सरीखा है। ऊपर से तहसील प्रशासन की लापरवाही का आलम देख ऐसा लग रहा है कि उन लोगो ने खुद अपने आपको आइसोलेट कर रखा है और उनकी लापरवाही से तमकुहीराज तहसील में लॉक डाउन पूरी तरह फेल्योर दिख रहा है। संकट के इस समय देश और दुनिया के अंदर प्रशासनिक अधिकारी जिस शिद्दत से अपनी डयूटी का निर्वहन कर लोगो का बिश्वास हासिल कर उनका दिल जीत रहे है उसका कोई सानी नही है लेकिन तमकुहीराज में जो स्थिति दिख रही है वह अत्यंत निराशाजनक है क्योंकि न ही आम लोग और न ही तहसील प्रशासन के लोग सामने खड़ी महामारी के प्रति संजीदगी दिखा रहे है । निश्चय ही यह आलोचना का समय नही है लेकिन अगर जिम्मेदार लोगों की लापरवाह कार्यशैली को उजागर नही किया गया तो स्थिति भयावह होती चली जायेगी। लॉक डाउन में तमकुहीराज तहसील प्रशासन की कार्यशैली के बिभिन्न बिंदुओं पर पड़ताल किया गया जो आम जन के साथ जिम्मेदार अधिकारियों को जानना जरूरी है।
🔴 जिम्मेदारो की लापरवाही से लॉक डाउन पूरी तरह फेल्योर
कोरोना की महामारी से निबटने के लिए एक मात्र उपाय लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग है जिसको लागू करने के लिए देश के प्रधानमंत्री ने पूरे देश से हाथ जोड़कर निवेदन किया था और सूबे के मुख्यमंत्री इसका शत प्रतिशत पालन कराने के लिए पूरे शिद्दत के साथ प्रयास कर रहे है लेकिन तमकुहीराज तहसील परिक्षेत्र में जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाही से यहाँ लॉक डाउन महज मजाक बन कर रह गया है। पूरे तहसील परिक्षेत्र की बात तो अलग है एसडीएम, सीओ ,तहसीलदार ,बीडीओ और डॉक्टरों के नाक के नीचे इस कस्बे में खरीदारी के लिए जो भीड़ उमड़ रही है उससे खतरा बढ़ता नजर आ रहा है और यह सिर्फ जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाही का ही नतीजा कहा जा सकता है। लॉक डाउन के दौरान आम लोगो को सामान की आवश्यकता है और उसके लिए उनका बाजार आना भी जरूरी है क्योंकि एसडीएम साहब ने होम डिलीवरी के लिए दुकानदारों की सूची जारी कर अपने दायित्वो का इतिश्री कर लिया उन्हें इसकी मॉनिटरिंग करने की भी फुर्सत नही की दुकानदार होम डिलीवरी कर रहे है कि नही। कस्बे में भीड़ इस वजह से ही हो रही है कि एसडीएम साहब की होम डिलीवरी की योजना सिर्फ कागजों में चल रही है ।सामान के लिए बाजार में आना लोगो के लिए आवश्यक है लेकिन उन पर लाठी बरसाने और खदेड़ने के बजाय उनसे सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन कराकर स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन इसके लिए जिम्मेदार लोगों को आवास से बाहर आना पड़ेगा पर यहाँ जो हालात है उसको देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिम्मेदारों ने अपने आपको खुद आइसोलेट कर रखा है।
🔴 बाहर से आने वालों का आंकड़ा सिर्फ कागजों में , किसी को नही किया क्वारन्टाइन
शासन को तमकुहीराज तहसील परिक्षेत्र में बाहर से आने वालों की संख्या लगभग 27 सौ के आस पास भेजी गई है लेकिन क्वारन्टीन के नाम पर अभी तक मात्र 30 लोगो को बिद्यावती देवी महाविद्यालय में रखा गया है। गांव गांव में लोग परेशान है और पुलिस ,स्वास्थ्य विभाग और तहसील प्रशासन को अपने गांव में बाहर से आने वालों के प्रति लगातार आगाह कर रहे है लेकिन उनका आरोप है कि कोई उनकी बात सुन नही रहा है और कोई सुन भी रहा है तो वह महज खानापूर्ति कर चला जा रहा है जिससे आम लोग दहशत में है। एसडीएम साहब के आवास से मात्र 300 मीटर की दूरी पर स्थित हरिहरपुर के निवासी अधिवक्ता जमील अहमद के अनुसार एसडीएम साहब का सीयूजी नम्बर काम नही करता उन्होंने उनका निजी नम्बर मैनेज कर व्हाट्सएप पर गांव में बाहर से आये लोगो के बारे में सूचना दिया लेकिन अब तक गांव में उन लोगो का जांच पड़ताल करने कोई नही आया। यही हाल तरया लच्छीराम और रामपुर बंगरा ग्रामसभा का है वहां के प्रधान लोगो द्वारा सूचना दिए जाने के बाद भी न तो कोई जांच पड़ताल करने आया और न ही उन्हें क्वारन्टीन में रहने के लिए ले जाया गया। सवाल यह उठता है कि क्या सिर्फ शासन को रिपोर्ट भेज देने से ही इस महामारी को नियंत्रित किया जा सकता है या ग्राउंड लेबल पर भी कुछ किया जाना आवश्यक है।
🔴 क्वारन्टीन सेंटर में पत्रकारों को जाने से रोका जा रहा है
कस्बे के समीप स्थित एक निजी बिद्यावती देवी महाविद्यालय को तहसील प्रशासन ने क्वारन्टीन सेंटर बना रखा है और उसमे 30 लोगो को विभन्न जगहों से इस सेंटर पर रखा गया है । सूचना मिली कि उसमे क्वारन्टीन के लिए रखे गए लोग भोजन के लिए हंगामा कर रहे है तो स्थिति जानने का प्रयास किया गया और जब मौके पर एक पत्रकार पहुंचा तो उसे गेट पर ही रोक लिया गया उसे अंदर नही जाने दिया गया जबकि अन्य लोग जो न तो सरकारी कर्मचारी थे और न ही जिम्मेदार वह लोग सेंटर के अंदर आसानी से आ जा रहे थे। इस सेंटर के प्रभारी प्रमोद श्रीवास्तव राजस्व निरीक्षक और सहायक रजिस्ट्रार कानूनगो भृगुनाथ गुप्ता सेंटर पर मौजूद नही थे उन लोगो से बात करने पर उन लोगो ने बताया कि वह तहसील में स्थापित कंट्रोल रूम में है अभी।
🔴 तहसील में कंट्रोल रूम स्थापित लेकिन अभी तक नम्बर सार्वजनिक नही
इस महामारी से निबटने के लिए और लोगो से सूचना एकत्रित करने के साथ साथ जरूरत पड़ने पर उन्हें राहत मुहैया कराने के लिए तहसील प्रशासन द्वारा तहसील भवन में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया जिसमें कर्मचारियों की 6 -6 घंटे की शिफ्ट वाइज ड्यूटी लगाई गई है। इस कंट्रोल रूम का नम्बर क्या है इसे एसडीएम साहब और अन्य जिम्मेदार लोगों ने अभी तक न तो सोशल साइट और न ही समाचार पत्रों में सार्वजनिक किया है । हो सकता है कि कुछ लेखपाल, कानूनगो और उनके माध्यम से ग्रामप्रधानों को यह नम्बर उपलब्ध कराया गया हो जबकि वास्तव में तहसील क्षेत्र के हर ब्यक्ति को यह नम्बर जानकारी में हो इसकी ब्यवस्था किया जाना चाहिए।
🔴 संकट की घड़ी में कम्युनिकेशन गैप कर एसडीएम साहब की चुप्पी का राज क्या है ?
संकट के इस घड़ी में ही नही एसडीएम तमकुहीराज का सीयूजी नम्बर हमेशा नाट रिचेबल मोड में रहता है इसके पीछे नेटवर्क का नही रहना मुख्य कारण हो सकता है लेकिन असली वजह है कि वह संकट के इस समय मे कम्युनिकेशन गैप बनाकर अपने आपको टेंसन से दूर रखना चाहते है। यह माना कि तमकुहीराज में बीएसएनएल का नेटवर्क बहुत कमजोर क्या नही के बराबर रहता है जिससे सीयूजी नम्बर पर बात होना आसान नही है लेकिन अधिकांश लोगों के पास यही नम्बर है लेकिन साहब ने इस नम्बर पर व्हाट्सएप इंसटाल नही किया है क्योंकि इससे लोग उनसे सूचनाओं का आदान प्रदान करने लगेंगे। सीयूजी नम्बर पर व्हाट्सएप नही चलाना यह बताने के लिए काफी है कि साहब को बेवजह टेंसन न हो इसलिए वह कम्युनिकेशन गैप मेंटेन करके रखते है।
🔴 क्या कहते है एसडीएम साहब
इन सभी मुद्दों पर जब एसडीएम तमकूहीराज से उनके निजी नम्बर पर बात किया गया तो उन्होंने बताया कि अब तक पूरे तहसील में बाहर से आये लगभग 2700 लोगो को चिन्हित कर रिपोर्ट शासन को भेजा गया है और उनमें से 30 लोगो को बिद्यावती देवी महाविद्यालय में क्वारन्टीन पर रखा गया है । पत्रकारों को सेंटर के अंदर जाने से रोकने के सवाल पर उन्होंने कहा कि संक्रमण फैले न इसके लिए बाहरी लोगों को नही प्रवेश करने दिया जा रहा है और उसमे रहने वाले लोगो भोजन के लिए झड़प नही कर रहे बल्कि बाहर निकलकर घर जाने के लिए झडप कर रहे थे। जहाँ तक लॉक डाउन के उल्लंघन की बात है तो वह पूरी कोशिश में है कि वह इसका मुश्तैदी से पालन करवाये.
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