कोतवाली पडरौना मे........ उल्टा ध्वजारोहण, किया गया तिरंगा का अपमान - Yugandhar Times

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Tuesday, January 28, 2020

कोतवाली पडरौना मे........ उल्टा ध्वजारोहण, किया गया तिरंगा का अपमान



🔴 संजय चाणक्य 
कुशीनगर। 71 वे गणतंत्र दिवस के महापर्व पर जनपद के पडरौना कोतवाली परिसर में कानून के रक्षकों द्वारा सरेआम राष्ट्र की आन-बान और शान के प्रतीक कहे जाने वाले राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया।  हुआ यह कि गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय महापर्व पर कोतवाली मे उल्टा राष्ट्रध्वज लहराता रहा  और जिम्मेदार धृतराष्ट्र बने बैठे रहे। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि पुलिस प्रशासन से इतनी बडी चूक कैसे हुई? इसके लिए जिम्मेदार कौन है? और राष्ट्रध्वज का अपमान करने वालो के खिलाफ क्या होगी कार्रवाई? 
  गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय महापर्व पर्व पर सरकारी व गैरसरकारी भवनो पर राष्ट्रध्वज फहराकर ध्वज को सलामी देने के पश्चात राष्ट्रगान गाने का प्राविधान है। लेकिन सरकारी विभागों के लिए राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा फरहरान अनिवार्य किया गया है। इसी क्रम मे 26 जनवरी रविवार को गणतंत्र दिवस के अवसर सारी तैयारी करने के बाद कोतवाली प्रांगण मे कोतवाली के जिम्मेदार पुलिस अधिकारी ने कोतवाली अन्तर्गत सभी पुलिस के जवानो के मौजूदगी मे ध्वजारोहण किया। उसके बाद राष्ट्रध्वज को सलामी देते हुए राष्ट्रगान गाया। इस दौरान उल्टा राष्ट्रध्वज आसमान मे लहराता रहा, तिरंगे का अपमान होता रहा लेकिन इतनी बडी गलती को किसी ने महसूस नही किया, और दिनभर देश की आन-बान और शान के राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान होता रहा। इधर कोतवाली पुलिस की गैरजिम्मेदाराना हरकत देख किसी ने लहराते हुए उल्टा तिरंगे का फोटो खिचकर वायरल कर जो जंगल मे आग की तरह फैल गया। उसके बाद शुरू हुआ कानून की रक्षा करने वाले जिम्मेदारो का छिछालेदर। कहना न होगा कि राष्ट्रीय ध्वज को फहराते समय बहुत सावधानियां बरतनी पडती है। तीन रंगो मे सुसज्जित तिरंगे मे सबसे ऊपर केसरिया रंग वीरता और सबसे नीचे हरा रंग हरियाली का प्रतीक माना जाता है जबकि बीच मे लगे शान्ति के प्रतीक के रुप मे सफेद रंग की पट्टी पर नीले रंग मे अशोक चक्र बना होता है जिसमे बने चौबीस तिलिया चौबीस घंटे के रात-दिन को दर्शाती है। बताना होगा कि इंस्पेक्टर पवन सिंह कोतवाली के प्रभारी है जिन्हे उत्कृष्ट कार्य करने के लिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन मे सम्मानित किया गया। ऐसे मे सवाल उठना भी लाजमी है कि इनके द्वारा जाने-अनजाने उल्टा तिरंगा फहराकर राष्ट्रध्वज का अपमान करना किस श्रेणी के उत्कृष्ट कार्य मे आता है।
🔴 इन नियमों के तहत होती है कार्रवाई
कानून की जानकारों की माने तो राष्ट्रीय ध्वज फहराने के दौरान सभी प्रकार की जिम्मेदारी ध्वजारोहण करने वाले व्यक्ति की होती है। ध्वज उल्टा है या सीधा, मैला है या फटा किस स्थिति में है यह सब भी देखना जरूरी होता है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज अपमान अधिनियम व राष्ट्रीय गौरव अवमानना अधिनियम की धारा 51 व 52 के तहत झंडा फहराने वाले व्यक्ति पर केस दर्ज होता है।
🔴 3 वर्ष की कैद, 1 लाख रुपए का जुर्माना
विधि विशेषज्ञों की माने तो राष्ट्रध्वज का अपमान करने वालो के खिलाफ मामला दर्ज  होने के बाद यदि न्यायालय में दोष सिद्ध हो जाता है तो तीन वर्ष की कैद का प्रावधान है। साथ ही 1 लाख रुपए का जुर्माना भी होता है।
🔴 ऐसे रखा जाता है राष्ट्रध्वज का मान- सम्मान 
आजादी का जश्न मनाने में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार सबको है, लेकिन ऐसा करते समय नियमों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। क्योंकि तिंरगे का अपमान अथवा अनादर करना  दंडनीय अपराध है। " फ्लैग कोड आफ इंडिया" ( भारतीय ध्वज संहिता) कानून के तहत राष्ट्रध्वज फहराने के लिए नियम-कानून निर्धारित किये गये हैं। आइए जानते  हैं क्या है तिरंगा फहराने का सही तरीका...
▶ यदि कोई शख्स 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया' के तहत गलत तरीके से तिरंगा फहराने का दोषी पाया जाता है तो उसे जेल भी हो सकती है। इसकी अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों भी हो सकते हैं।
▶ तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही है।
▶  किसी भी स्थिति में उल्टा,  क्षतिग्रस्त या फटे झंडे को नहीं फहराया जा सकता है।
▶ तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा। जिसका अनुपात 3:2 ही होना चाहिए।
▶ झंडे का उपयोग किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट के सामान में नहीं किया जा सकता।
▶ झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है।
▶ किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढ़कने में भी नहीं किया जा सकता है।
▶ किसी भी स्तिथि में राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) जमीन पर टच नहीं होना चाहिए।
▶  झंडा केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है।
▶  किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते है।
▶  जब तिरंगा फट जाए या रंग उड़ जाए तो इसे फहराया नहीं जा सकता। ऐसा करना राष्ट्रध्वज का अपमान करने वाला अपराध माना जाता है।
▶ जब तिरंगा फट जाता है तब इसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ नष्ट कर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती है।
▶ शहीदों के पार्थिव शरीर से उतारे गए झंडे को भी गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ नष्ट करके नदी में जल समाधि दी जाती है।
🔴 तिरंगे के अपमान मे इन पर हुआ है मुकदमा दर्ज
▶ वर्ष 1994 मे मिस यूनिवर्स बनने के बाद सुष्मिता सेन दिल्ली के घोडाबग्गी मे तिरंगे को बग्गी के पीछे बाधा था, जिसे लेकर मुकदमा दर्ज हुआ था।
▶ वर्ष 2000 मे इंडियन फैशन वीक के दौरान फैशन डिजाइनर मालनी रमाली पर राष्ट्रध्वज के अपमान का केस दर्ज हुआ था।
▶ साल 2011 मे अभिनेत्री मंदिरा बेदी ने तिरंगे की बार्डर वाली साडी पहनी थी, जिसे तिरंगे का अपमान करार देते हुए मुकदमा दर्ज किया गया था।
▶ वर्ष 2011 मे ही किक्रेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के खिलाफ तिरंगे के अपमान के आरोप मे मामला दर्ज किया गया। क्योंकि सचिन ने तिरंगे वाला केक काटा था।
▶ वर्ष 2011 मे टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा के खिलाफ तिरंगे के अपमान का केस दर्ज हुआ था। क्योंकि सानिया मिर्जा तिरंगे के नजदीक अपना पैर रखी थी।
▶ वर्ष 2012 मे वर्ल्ड कप के दौरान फिल्म स्टार शाहरुख खान ने उल्टा झण्डा लहराया था जिसके बाद शाहरुख पर मुकदमा दर्ज किया गया था।
▶ साल 2014 मे मल्लिका शेरावत ने तिरंगा पहनकर गाडी के बोनेट पर तस्वीर खिचवाई थी जिसके बाद मल्लिका पर केस दर्ज हुआ था।
🔴 तो फिर क्या इन पर होगी कार्रवाई
तिरंगे के अपमान मे कई दिग्गजों के खिलाफ केस दर्ज किये जाने के मामले सामने है ऐसे मे अब सवाल यह उठता है कि पडरौना कोतवाली मे उल्टा राष्ट्रध्वज फहराने वाले कोतवाली प्रभारी के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी। अब देखना यह है पुलिस के उच्च अधिकारी राष्ट्रध्वज का अपमान करने वाले अपने मातहत के खिलाफ कार्रवाई करते है या मामला ठंडे बस्ते मे डालते है।

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