🔴 पिता के बूढापे की लाठी टूट गई, माँ की आंचल सूनी हो गयी, मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया तो पत्नी की मांग सूनी कर सरहद की निगेहबानी करते हुए दुनिया को अलविदा कह गये चन्द्रभान
🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले मे सरहद की निगेहबानी करते हुए माँ भारती का लाल चन्द्रभान चौरसिया शहीद हो गये। कुशीनगर जनपद के सेवरही थाना क्षेत्र के दुमही गांव के निवासी चंद्रभान आर्मी मे थे। सोमवार की रात माछिल सेक्टर पर ड्यूटी कर रहे 6 जवानों को भीषण बर्फीली तूफान ने अपने आगोश में ले लिया। इसमें जिले के दुदही विकास खण्ड क्षेत्र के चन्द्रभान भी शामिल थे। मंगलवार की सुबह आर्मी बेस से जब उनके शहादत की खबर पहुची तो पूरे गांव मे कोहराम मच गया। चन्द्रभान नवम्बर माह मे अपने घर आये थे। बच्चों और परिवार से होली मे घर आने का वादा किये थे। बुधवार को परिजनों के साथ साथ पूरा गाव शहीद चन्द्रभान के पार्थिव शरीर के इंतजार मे रहा। किन्तु शव नही पहुंचा। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है वही गांव मे मातम छाया रहा।
🔴 2015 मे सेना मे भर्ती हुए थे चन्द्रभान
कुशीनगर जनपद के दुदही विकास खण्ड के सेवरही थाना क्षेत्र के निवासी राजबल्लभ के छोटा बेटा चन्द्रभान वर्ष 2015 मे आर्मी मे भर्ती हुए थे। वह सेना मे नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी पर थे। वर्तमान समय मे उनकी तैनाती जमामू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर मे थी।
🔴 बर्फीले तूफान का कहर
बेशक। सोमवार को जम्मू-कश्मीर मे बर्फीले तूफान ने जमकर अपना कहर बरपाया। इस दौरान सरहद की हिफाजत कर रहे माँ भारती के लाल चन्द्रभान बर्फबारी तूफान के चपेट मे आकर शहीद हो गये।
🔴 2016 मे हुई थी शादी
चंद्रभान की शादी वर्ष 2016 में बिहार प्रांत के कटेया थाना क्षेत्र के गौरा बाजार निवासी त्रिवेणी चौरसिया की इकलौती पुत्री पिंकी से हुई थी। चंद्रभान के दो पुत्र आर्यन (03) व आयुष (01) हैं। दो भाइयों में छोटे चंद्रभान बीते नवंबर माह में अपने घर आए थे। रविवार की शाम को ड्यूटी से कुछ देर के लिए विश्राम मिलने पर चंद्रभान ने अपने बूढ़े पिता राजवल्लम, पत्नी पिंकी व बड़े बेटे आर्यन से बात की थी। पत्नी पिंकी की माने तो , मंगलवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे सेना के एक अधिकारी ने कश्मीर में आए बर्फीले तूफान में पति के दबकर शहीद होने की सूचना दी।
🔴 शहादत की खबर सुन शहीद के दरवाजे पर उमड पडी भीड
मंगलवार की सुबह जैसे ही चन्द्रभान चौरसिया की शहादत की खबर गांववासियों के कान मे पडी हर कोई आवाक रह गया। जो जहा सुना वही से शहीद चन्द्रभान की घर की ओर दौड पडा। और पल भर मे देश की हीरो की शहादत पर जहा पूरा गांव आसुओं के सैलाब में डूब गया वही जिले में गम की लहर दौड गयी थी। शहीद के दरवाजे पर पहुचे हर किसी के चेहरे भारत माँ के इस सपूत को खोने का गम साफ दिखाई दे रहा था।
🔴 इंतजार मे बीता पूरा दिन.... नहीं आया शहीद का पार्थिव शरीर
सोमवार की रात जम्मू-कश्मीर मे हिमस्खलन में शहीद हुए सेना के जवान चंद्रभान चौरसिया का पार्थिव शरीर बुधवार को पैतृक गांव दुमही में नहीं पहुंच सका। राह निहारते पिता राजबल्लम, पत्नी पिकी व ग्रामीणों की आंखें पथरा गईं। बताया जाता है कि खराब मौसम व जबरदस्त बर्फबारी के चलते औपचारिकताएं पूरी करने मे दिक्कतो का सामना करना पडा है। यूनिट में तैनात लेफ्टिनेंट ने फोन पर जानकारी दी कि सभी औपचारिकताएं पूरी कर गुरुवार को पाíथव शरीर पैतृक गांव लाया जाएगा।
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