चालक की मनबढई.... स्कूली बस नहर मे पलटी - Yugandhar Times

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Saturday, January 11, 2020

चालक की मनबढई.... स्कूली बस नहर मे पलटी



🔵बडा हादसा टला
🔴 दर्जनों बच्चे चोटिल, एक गम्भीर घायल, चिकित्सको नए गोरखपुर किया रेफर
🔵 संजय चाणक्य 
कुशीनगर। जनपद के कप्तानगंज मे शनिवार को सुबह बच्चो से भरी स्कूली बस चालक के लापरवाही व मनबढई के कारण नहर मे पलट गई। दुर्घटना मे दर्जनों बच्चो के चोटिल होने की सूचना मिल रही है जबकि एक छात्र गम्भीर रूप से घायल बताया जा रहा है जिसकी प्राथमिक उपचार के बाद सीएचसी के चिकित्सकों ने गोरखपुर रेफर कर दिया है। ऐसी चर्चा है कि  इस दुर्घटना के पीछे चालक की लापरवाही मुख्य वजह है क्योंकि बस चलाते समय ड्राइवर मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था।
      गौरतलब है कि शनिवार को कुशीनगर जनपद के कप्तानगंज स्थित क्रिसेंट स्कूल की बस सुबह बच्चों को उनके घर से लेकर स्कूल जा रही थी रही थी। बताया जाता है कि बोदरवार के रास्ते बस सुधियानी रेलवे ढाला के करीब पहुंचकर अनियंत्रित हो गई और नहर मे पलट गई।
🔴 बच्चों की चीख-पुकार सुन दौडे आसपास के लोग
बताया जाता है कि बस चालक के लापरवाही के बाद अनियंत्रित बस नहर मे गिरते ही पलट गयी। और हादसे से बेपरवाह बस मे बैठे मासूम बच्चों की खामोशी चीख-पुकार मे तब्दील हो गयी। मासूमों की चीख-पुकार सुन आसपास मौजूद लोग मौके पर पहुंचकर बच्चों को बाहर निकाला। करीब डेढ दर्जन बच्चे चोटिल है जबकि एक छात्र गम्भीर रुप से घायल है जिसे चिकित्सकों ने गोरखपुर रेफर कर दिया है। इस दौरान कुछ लोगो ने  पुलिस व जिले के आला अफसरों को फोन कर सूचना दी। घटना को लेकर आम लोगों व अभिभावकों मे रोष व्याप्त है। लोगो का आरोप है कि पैसे बचाने के चक्कर मे स्कूल के प्रबंधक बिना प्रशिक्षित चालकों को रखकर बच्चों के जिन्दगी से खिलवाड़ कर रहे है।
🔴 बच्चों ने कहा चालक मोबाइल पर था व्यस्त
 " सावधानी हटी, दुर्घटना घटी।" बेशक। बारह शब्दो का यह स्लोगन हर दुर्घटना पर सटीक बैठती है। ड्राइविंग सीट पर बैठे व्यक्ति की थोडी सी लापरवाही, थोडी सी असावधानी या फिर थोडी सी मनबढई एक बडी दुर्घटना का कारण बन जाती है। आज भी यही हुआ। कप्तानगंज क्रिसेंट स्कूल के बस चालक की लापरवाही व मनबढई के कारण बस अनियंत्रित होकर नहर मे पलट गई। स्कूली बच्चों कि कहना है कि ड्राइवर मोबाइल इस्तेमाल कर रहा था जिसके वजह से बस अनियंत्रित होकर नहर मे पलट गयी। बच्चों की बातो पर यकीन करे तो बस चालक के मनबढई के कारण यह दुर्घटना हुई और बस मे बैठे तकरीबन 27 बच्चो मे डेढ दर्जन बच्चे चोटिल हो गये जबकि एक छात्र गम्भीर रूप से घायल है।
🔴जनपदवासी  नही भूला पाये 13 बच्चो की मौत
गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व 26 अप्रैल-2018 को कुशीनगर के दुदही मे मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर दिल दहला देने वाला बड़ा हादसा हुआ था। देश को झकझोरने वाली घटना थी ट्रेन और स्कूली वैन की भिड़ंत। इस हादसे मे कुल 13 मासूम बच्चों की मौत हो गई थी और  8 गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। हादसे के बाद  सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना स्थल पर पहुंचकर हालात कि जायजा लिया मृतको के परिजनो से मिले उन्हे ढाढस बढाया और मृतक बच्चों के परिवार को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। देश को झकझोरने वाली इस घटना पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया था। जांच मे इस हादसे का मुख्य वजह स्कूल बस चालक की मनबढई और डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल व प्रबंधक की लापरवाही सामने आयी थी। 

🔴 जनपद मे पहले भी हुए स्कूल बस हादसे.... 
🔴पहला घटना-  वर्ष 2017 
 कप्तानगंज कस्बे के हालमार्क स्कूल की बस 15 दिसंबर - 2017 को सुम्हाखोर गांव के पास ब्रेक फेल होने की वजह से अनियंत्रित होकर सड़क के किनारे पलट गई थी। संयोग अच्छा था कि बस में सवार बच्चों और चालक को चोटें नहीं आईं। हादसे की सूचना पर पहुंचे अभिभावक बच्चों को अपने साथ घर ले गए। 
🔴  दुसरा घटना- 2 मई 2019
कुशीनगर जिले के सपहां रोड पर संचालित नवज्योति चिल्ड्रेन एकेडमी की मिनी बस बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी। नौगांवा गांव के समीप कसया-तुर्कपट्टी मार्ग पर बस अनियंत्रित होकर पलट गई। खेतों में कार्य कर रहे लोग बच्चो की चीख-पुकार सुन मौके पर पहुच बच्चों को बाहर निकाला। इस दुर्घटना मे दो दर्जन से अधिक बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए थे जिन्हें कस्बे के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। घटना की जानकारी होते ही मौके पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक पांडेय व सीआे रामदास प्रसाद पहुंचे और घटना की जानकारी ली।
🔴 यह तो सिर्फ बानगी है
बस चालकों के मनबढई और विद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण जनपद मे हो रहे स्कूली बस हादसे के यह दो मिसाल तो सिर्फ बानगी है। स्कूल प्रबंधन द्वारा अप्रशिक्षित चालकों के हाथो मासूमों की जिन्दगी से खिलवाड़ करने का ऐसे कई मामले है जिससे आज तक न तो प्रशासन कोई  सबक ले सका और न ही विद्यालय प्रबंधन।

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