फर्जी शिक्षक की नियुक्ति का मामला...........
डीआईओएस ने भेजी शासन को रिपोर्ट
🔴 तिलमिलाए शिक्षक ने दी डीआईओएस को जान से मारने की दी धमकी, मुकदमा दर्ज
🔴 अपनी नौकरी हाथ से जाते देख शिक्षक अपने पुत्र के साथ डीआईओएस कार्यालय पहुंचकर किया हंगामा, दी धमकी
🔴 डीएम से मिलकर डीआईओएस ने की शिकायत, डीएस के निर्देश पर डीआईओएस ने शिक्षक और उनके पुत्र पर कराया मुकदमा दर्ज
🔵 संजय चाणक्य
कुशीनगर। जिले के मंसाछापर स्थित नेहरू इण्टर कालेज में फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे शिक्षक के खिलाफ जिला विद्यालय निरीक्षक ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। बताया जाता है कि सहायक अध्यापक सुनील दत्त शुक्ला की नियुक्ति बिना किसी रिक्त पद पर नियम विरुद्ध तरीके से की गयी थी। आरोप है कि नौकरी हाथ से निकलता देख तिलमिलाए शिक्षक अपने पुत्र के साथ डीआईओसी दफ्तर पहुंचकर न सिर्फ हंगामा किया बल्कि जिला विद्यालय निरीक्षक उदय प्रकाश मिश्र के साथ अमर्यादित आचरण कर जान से मारने की धमकी दी है। डीआईओएस के तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने शिक्षक व उनके पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
🔴 क्या है मामला
बताया जाता है कि वर्ष 1993 मे सुनील दत्त शुक्ला की नियुक्ति खड्डा इण्टर कालेज मे बिना किसी पद व बिना किसी नियुक्ति प्रक्रिया को अपनाए की गयी थी। सूत्र बताते है कि सुनील दत्त शुक्ला की नियुक्ति बिना किसी सर्विस नियमावली के तहत विज्ञान विषय के सहायक अध्यापक के पद पर इस शर्त पर हुई थी कि जब भी विज्ञान विषय के शिक्षक आयोग से आयेगे तो श्री शुक्ल स्वत: हट जायेगे। यही वजह था कि विद्यालय प्रशासन द्वारा श्री शुक्ल की सेवा लेते समय कोई नियुक्ति प्रक्रिया नही पूरी की गयी। सूत्र यह भी बताते है कि वर्ष 2006 मे आयोग द्वारा शिक्षक आने के बावजूद श्री शुक्ल अपने पद से नही हटे जबकि शर्त के मुताबिक उन्हे स्वत: अपने पद से हट जाना था।
🔴 ममला बिगडता देख नियम विरुद्ध तरीके से करा लिया स्थानांतरण
गौरतलब है कि वर्ष 2006 मे खड्डा इण्टर कालेज मे आयोग द्वारा भेजे गये शिक्षक की ज्वाइनिग के बाद सुनील दत्त शुक्ला अवैध तरीके के सहायक अध्यापक के पद पर बने हुए थे। इसको लेकर विद्यालय प्रशासन नाखुश था जिसे देख सुनील दत्त शुक्ल ने वर्ष 2013 मे तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक संतोष कुमार सिंह को अपने प्रभाव मे लेकर अपना स्थानातंरण मंसाछापर स्थित नेहरू इण्टर कालेज में करा लिया। जानकार बताते है कि श्री शुक्ल का स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी तरह से नियम विरुद्ध था क्योंकि जब इनकी नियुक्ति ही सर्विस नियमावली के अन्तर्गत नही हुई थी तो फिर स्थानातंरण किस आधार पर संभव है।
🔴.... और धनबल के प्रभाव से बचते रहे सुनील दत्त
जैसा कि जगजाहिर है कि सुनील दत्त शुक्ला की नियुक्ति बिना किसी पद व बिना किसी नियुक्ति प्रक्रिया के तहत हुई थी। नतीजतन इनके फर्जी नियुक्ति को लेकर जागरूक लोगो ने जिले से लगायत शासन स्तर पर कई बार इसकी शिकायत की। सूत्रो की माने तो हर शिकायत पर विभाग द्वारा श्री शुक्ला के नियुक्ति संबंधी फाइलें खगाली जाती थी किन्तु श्री शुक्ला अपने धनबल के प्रभाव से कार्रवाई की प्रक्रिया को विभागीय स्तर से रुकने मे सफल रहते थे।
🔴 नही चला धनबल का प्रभाव
वर्षो से फर्जी नौकरी कर रहे सुनील दत्त शुक्ला हर बार अपने धनबल के प्रभाव से बचते रहे। हर शिकायत पर शुरू हुई जांच को वह अपने प्रभाव और पैसे के बल पर ठंडे बस्ते में डलवाकर बचते रहे किन्तु योगी सरकार मे श्री शुक्ला का धनबल का प्रभाव धरा का धरा रहा गया। परिणाम स्वरूप शिकायतकर्ता की शिकायत को शासन व माध्यमिक शिक्षा परिषद ने गम्भीरता से लेते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिसके तहत डीआईओएस ने पूरे प्रकरण की गहनता से जांच किया तो शिकायतकर्ता की शिकायत सही पाया गया जिसकी रिपोर्ट डीआईओएस ने माध्यमिक शिक्षा परिषद और शासन को भेज दी है।
🔴शिक्षक और उनके पुत्र ने किया डीआईओएस कार्यालय पर हंगामा
जनपद के मंसाछापर स्थित नेहरू इंटरमीडिएट कालेज में तैनात सहायक अध्यापक सुनील दत्त शुक्ल से जुड़ी एक शिकायत पर शासन द्वारा आख्या मांगी गई थी। जिविनि उदय प्रकाश मिश्र इस मामले की जांच कर रहे थे। जांच के दौरान सुनील दत्त शुक्ल की नियुक्ति फर्जी पाई गई। इससे जुड़ी रिपोर्ट तैयार कर डीआईओएस ने शासन व माध्यमिक शिक्षा परिषद को भेज दी। इससे खार खाए सुनील दत्त शुक्ल व उनके बेटे शुभम दत्त शुक्ल बीते मंगलवार को दोपहर में जिविनि कार्यालय पहुंचे और जिविनि से अमर्यादित आचरण किया। आरोप है कि इन लोगों ने जिविनि को जान से मारने की धमकी भी दी।
🔴 शिक्षक व पुत्र पर मुकदमा दर्ज
जिला विद्यालय निरीक्षक उदय प्रकाश मिश्र से अमर्यादित आचरण करने वाले व धमकी देने वाले शिक्षक व उनके पुत्र के विरुद्ध पडरौना कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया जाता है कि जिला विद्यालय निरीक्षक श्री मिश्र अपने साथ घटित घटना की शिकायत जिलाधिकारी डॉ.अनिल कुमार सिंह से की। डीएम ने इस मामले में एसपी को सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। घटना की रात जिविनि ने कोतवाली पहुंचकर तहरीर दिया उसके बाद पुलिस ने आरोपित पिता-पुत्र के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना शुरू कर दी गई है।
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