नई दिल्ली। जम्मू.कश्मीर पर सोमवार को मोदी सरकार की ओर से बड़ा फैसला लिया गया। गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में ऐलान किया कि जम्मू.कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 35ए को हटाया जा रहा है सरकार ने इसे गजट नोटिफिकेशन के जरिये हटाया इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी भी दे दी साथ ही अमित शाह ने आर्टिकल 370 को भी हटाने का प्रस्ताव सदन में पेश किया। इसके साथ ही जम्मू.कश्मीर का दो हिस्सों में बंटवारा कर दिया गया है जम्मू.कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश होगा एक हिस्सा जम्मू.कश्मीर जबकि दूसरा हिस्सा लद्दाख का होगा जिसमें विधानसभा नहीं होगी
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुछेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे शाह ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक सदन में पेश किया शाह के बयान के बाद राज्यसभा में हंगामा हो गया पेश किए गये जम्मू.कश्मीर के पुनर्गठन विधेयक के तहत जम्मू.कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज दिया जाए ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू.कश्मीर को अलग से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है जम्मू.कश्मीर राज्य में विधानसभा होगी।
सूत्रों के मुताबिक इस तरह की खबरें भी आ रही हैं कि इस मुद्दे पर पीएम मोदी सात अगस्त को देश को संबोधित कर सकते हैं इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर कैबिनेट की अहम बैठक हुई यह मीटिंग करीब आधे घंटे चली इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कश्मीर के हालात पर जानकारी दी सूत्रों के मुताबिक उससे पहले सुबह गृह मंत्री की कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ चर्चा भी हुई थी।
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल राज्यसभा में पास पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश करते हुए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को राज्यसभा में पेश करते हुए कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने में एक सेकेंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए इसके साथ ही सरकार ने कश्मीर से आर्टिकल 35ए को हटा दिया राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद 35ए को हटाने को लेकर गजट नोटिफिकेश भी जारी कर दिया गया है केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि जम्मू कश्मीर बिल को वह मंगलवार को लोकसभा में पेश की गई।
क्या है आर्टिकल 35ए
जम्मू.कश्मीर राज्य के लिए स्थायी नागरिकता के नियम और नागरिकों के अधिकार तय आर्टिकल 35ए से होते हैं इसके तहत 14 मई 1954 के पहले जो कश्मीर में बस गए थे वही स्थायी निवासी हैंण् स्थायी निवासियों को ही राज्य में जमीन खरीदने सरकारी रोजगार हासिल करने और सरकारी योजनाओं में लाभ के लिए अधिकार मिले हैं किसी दूसरे राज्य का निवासी जम्मू.कश्मीर में जाकर स्थायी निवासी के तौर पर न जमीन खरीद सकता है न ही राज्य सरकार उन्हें नौकरी दे सकती है इसके अलावा जम्मू.कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी कर लेती है तो उसके अधिकार छिन जाते हैंण् हालांकि पुरुषों के मामले में ये नियम अलग है
संविधान में नहीं है आर्टिकल 35ए का जिक्र
आर्टिकल 35ए ;कैपिटल ए का जिक्र संविधान में नहीं है हालांकि संविधान में आर्टिकल 35ए ;स्मॉल ए का जिक्र जरूर है लेकिन इसका जम्मू एवं कश्मीर से कोई सीधा संबंध नहीं हैण् दरअसल इसे संविधान के मुख्य भाग में नहीं बल्कि परिशिष्ट ;अपेंडिक्स में शामिल किया गया है 14 मई 1954 में राष्ट्रपति के आदेश से आर्टिकल 35ए को संविधान में जगह मिली थी 14 मई 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ0 राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था इस आदेश के जरिए भारत के संविधान में एक नया अनुच्छेद 35ए जोड़ दिया गया
35ए हटाने की मांग क्यों
इस अनुच्छेद को संसद के जरिए लागू नहीं किया गया है इस अनुच्छेद की वजह से शरणार्थी अधिकार से वंचित हैं पाक के शरणार्थियों को जम्मू कश्मीर की नागरिकता नहीं है इनमें 80 फीसदी लोग पिछड़े और दलित हिंदू समुदाय के हैं जम्मू कश्मीर में शादी करने वाली महिलाओं से भेदभाव जारी है भारतीय नागरिकों के साथ जम्मू कश्मीर में भेदभाव होता है जम्मू कश्मीर में संविधान से मिले अधिकार खत्म हो जाते हैं संविधान सभा से संसद की कार्यवाही तक बिल का जिक्र नहीं अनुच्छेद 35ए के लिए संविधान संशोधन लाने का भी जिक्र नहीं किया गया है।
धारा 370 पर विवाद क्यों
जम्मू.कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकताए झंडा भी अलग है जम्मू.कश्मीर में राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है देश के सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेश जम्मू.कश्मीर में मान्य नहीं होते हैं संसद जम्मू.कश्मीर को लेकर सीमित क्षेत्र में ही कानून बना सकती है रक्षा विदेश संचार छोड़कर केंद्र के कानून जम्मू.कश्मीर पर लागू नहीं होते केंद्र का कानून लागू करने के लिये जम्मू.कश्मीर विधानसभा से सहमति ज़रूरी वित्तीय आपातकाल के लिए संविधान की धारा 360 जम्मू.कश्मीर पर लागू नहीं धारा 356 लागू नहीं राष्ट्रपति राज्य का संविधान बर्खास्त नहीं कर सकते कश्मीर में हिन्दू.सिख अल्पसंख्यकों को 16ः आरक्षण नहीं मिलता जम्मू कश्मीर में 1976 का शहरी भूमि कानून लागू नहीं होता है धारा 370 की वजह से कश्मीर में लागू नहीं होता जम्मू.कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष नहीं 6 वर्ष होता है
आर्टिकल 35.ए हटते ही सोशल मीडिया पर गूंजने लगा जय हिंद वंदे मातरम
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन का विधेयक पेश किया इस विधेयक के अनुसार जम्मू एवं कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गयाण् इसमें जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा वहीं लद्दाख दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने का संकल्प पेश किया यह अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है इसके साथ ही आर्टिकल 35ए को भी हटा दिया गया है वहीं आर्टिकल 35.ए हटने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों के रिएक्शन आने भी शुरू हो गए हैं लोगों ने की जमकर तारीफ आर्टिकल 35.ए हटाने के बाद से लोग मोदी सरकार की जमकर तारीफ कर रही हैण्ए लोग ट्वीट करके बदाई दे रहे हैं नितिन गुप्ता नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा आज की तारीख इतिहास में हमेशा याद रखी जाएगी क्योंकि धारा 370 और 35य पर जीत हुई है वहीं प्रिया नाम की एक ट्विटर यूजर ने लिखा कश्मीर अब पूरी तरह से अखंड भारत में एकीकृत हो गया है जय हिंद, वंदे मातरम
अनुच्छेद 370 के हटने से क्या होगा फायदा
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश करते हुए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को राज्यसभा में पेश करते हुए कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने में एक सेकेंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए इसके साथ ही सरकार ने कश्मीर से आर्टिकल 35ए को हटा दिया राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद 35ए को हटाने को लेकर गजट नोटिफिकेश भी जारी कर दिया गया है
कहना न होगा कि अगर केंद्र की सिफारिशों पर संसद की मुहर लग जाती है तो जम्मू कश्मीर में क्या क्या बदलाव देखने को मिलेंगे यानि संसद के दोनों सदनों में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पास हो जाता है तो कुछ इस तरह के बदलाव होंगे
जम्मू.कश्मीर विशेष राज्य का दर्जा खत्म
जम्मू कश्मीर में अब देश का कानून लागू होगा
अब जम्मू कश्मीर का ध्वज अलग नहीं होगा
जम्मू कश्मीर से 35ए को हटाया गया
कोई भी नागरिक जम्मू कश्मीर में ज़मीन खरीद सकेगा
दूसरे राज्य का नागरिक सरकारी नौकरी कर पाएगा
दूसरे राज्यों के निवासी जम्मू कश्मीर के नागरिक बन पाएंगे
बाहर शादी करने पर लड़की के अधिकार नहीं छिनेंगे
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को लकर पांच बड़े फैसले किए है
पहला फैसलाः जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया जाएगा
दूसरा फैसलाः जम्मू से 35ए हटाया गया
तीसरा फैसलाः जम्मू कश्मीर का दो हिस्सों में बंटवारा किया जाएगा
चौथा फैसलाः जम्मू कश्मीर अब विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश होगा
पांचवा फैसलाः लद्दाख अब बिना विधानसभा का केंद्र शासित प्रदेश होगा
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने स्वागत किया है वहीं टीएमसी और पीडीपी ने इस पर विरोध जताया है
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