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Monday, August 19, 2019

एनएच-28 पर स्थित फरहान हास्पीटल का कारनामा.... जिन्दगी के नाम पर दी जा रही मौत

मरीजों के जिन्दगी के साथ खुलेआम किया जा रहा है खिलवाड
जिलाधिकारी का आदेश ठण्डे बस्ते मेए सीएमओ ने दिखाया ठेंगा
युगान्धर टाइम्स न्यूज नेटवर्क
कुशीनगर । केन्द्र की मोदी और सूबे की योगी सरकार आम लोगों को चिकित्सकीय सुबिधा मुहैया कराने के लिए जहा पुरी तरह कटिबद्ध व गम्भीर है वही जनपद के तमकहीराज स्थित ष्फरहान हास्पीटलष् मरीजों को मौत की नींद सुलाने का रिकार्ड बनाने मे जुटा है। आश्चर्यजनक  बात यह है कि लगातार इस हास्पीटल मे हो रही मौत के बावजूद विभाग.ए.शहंशाह ; सीएमओद्ध धृतराष्ट्र बने बैठे है। मजे की बात यह है कि एक पखवारे पूर्व किसान महाविद्यालय तमकुहीरोड छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री की शिकायत पर जिलाधिकारी ने मामलें की गम्भीरता को देखते हुए सीएमओ को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था किन्तु अफसोस सीएमओ ने डीएम के आदेश को ठण्डे बस्ते मे डाल ठेगा दिया दिया। नतीजन फरहान हास्पीटल मे बेखौफ मरीजों के जिन्दगी से खेलने का सिलसिला जारी है।
     बेशक! जनपद के तमकुहीराज एनएच.28 पर स्थित फरहान हास्पीटल मे गर्भवती महिलाओं की आपरेशन के दौरान लगातार हो रही मौत कोई सामान्य मामला नहीं है। विगत तीन वर्षों पर गौर करे तो फरहान हास्पीटल पर दर्जनों प्रसूती महिलाओं की आपरेशन के दौरान मौत होने बात चर्चा .ए.सरेआम है। छात्र संघ के पूर्व महामंत्री अजय वर्मा द्वारा अगस्त  माह की पहली तारीख को जिलाधिकारी को दिये गए अपने शिकायती पत्र मे भी कहा है कि वर्ष 2016 से फरहान हास्पीटल मे प्रसूती महिलाओं की आपरेशन के बाद शुरु हुई मौत का सिलसिला लगातार जारी है। श्री वर्मा ने अपने शिकायती पत्र मे कहा है कि 2 फरवरी.2016 को तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र के राजापाकड के बहुरिया टोला निवासी हरेराम अपनी गर्भवती पत्नी फूलमती देवी का इलाज फरहान हास्पीटल मे करा रहे थे। आपरेशन के दौरान चिकित्सकों के लापरवाही के कारण मृत्यु हो गई। परिजनो ने हंगामा किया और इसकी सीएमओ को लिखित शिकायत की लेकिन हास्पीटल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
केस.2 
फूलमती देवी की मौत के बाद जिला प्रशासन व विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण वर्ष 2016 मे ही 12 अप्रैल को नीतू देवी पत्नी जितेन्द्र ग्राम जगदीशपुर मिश्रौली निवासी का आपरेशन फरहान हास्पीटल की चिकित्सक डा० श्वेता तिवारी द्वारा किया गया। बताया जाता है कि आपरेशन के कुछ ही दिनो बाद नीतू देवी भगवान को प्यारी हो गई। परिजनो ने नमस्तेए सब ठीकघ्आवाज उठाया किन्तु से अस्पताल प्रशासन के धनबल के प्रभाव मे मृतका नीतू की परिजनो की आवाज दबकर रह गई। 
केस.3
स्वास्थ्य विभाग के निकम्मेपन और हास्पीटल की लापरवाही का आलम यह रहा कि वर्ष 2016 के अप्रैल माह मे ही ; नीतूदेवी की मौत के बारह दिन बादद्ध 23 अप्रैल को तरया सुजान थाना क्षेत्र के माधोपुर देवलापोखरा निवासी सुरेश शर्मा की पत्नी  प्रसूता प्रमिला देवी की आपरेशन के दौरान की गई लापरवाही के कारण दुसरे दिन मौत हो गई। इस मामले मे भी स्वास्थ्य विभाग सूरदा बना रहा।
केस.4
वर्ष 2017 मे 9 अक्टूबर को प्रसव पीडा से पीडित मठिया ग्राम सभा निवासिनी बबली पत्नी सुरेश का आपरेशन हुआ और एक सप्ताह बाद उसकी मौत हो गई जबकि वर्ष 2018 मे 11 फरवरी को तरया सुजान थानान्तर्गत ग्राम खुदरा निवासी निजामुद्दीन की गर्भवती पत्नी सायरा की मौत अधिक रक्तस्वाव के कारण आपरेशन के दो घण्टे बाद हो गई। किन्तु अफसोस स्वास्थ्थ विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नही की गई।
केस.5

फरहान हास्पीटल के डाक्टर की लापरवाही के कारण लगातार हो रही मौत बावजूद स्वास्थ्य विभाग अभी तक अपने कुभकर्णी निद्रा से नही जगा है यही वजह है  यहा के चिकित्सक खुलेआम मरीजों के जिन्दगी से खिलवाड़  मरीजों को मौत की नीद सुलाने का रिकार्ड मे बनाने मे जुटे है। तभी तो फरहान हास्पीटल मे मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अजय वर्मा ने जिलाधिकारी को किए गए शिकायती पत्र उल्लेख किया है कि वर्ष  2019 मे जुलाई माह मे दो दिनो के अन्तराल मे दो प्रसुती महिलाओं की मृत्यु हुई है। उन्होने लिखा है कि 21 जुलाई.19 को दनियादी निवासी रूबिन खातून को उनके जेठ साहब खान प्रातः तकरीबन साढे चार बजे फरहान हास्पीटल लेकर पहुचे जहा इलाज के दौरान बच्चे को जन्म देने के बाद अधिक रक्त स्वाव के कारण रबिना की मौत हो गई
केस.6
शिकायतकर्ता श्री वर्मा  के अनुसार जुलाई माह मे रबिना खातून की मौत को दो दिन बाद दिनाक.23 जुलाई .19 को तमकहीराज तहसील के ग्राम सरैया बुजुर्ग निवासी प्रमिला देवी पत्नी कंचन का आपरेशन फरहान हास्पीटल मे डा० महफूज आलम द्वारा किया गया। आपरेशन के कुछ घण्टे बाद प्रमिला मौत की आगोश में समा गई। 
हास्पीटल को प्राप्त है स्वास्थ्थ विभाग का संरक्षण
कहना न होगा कि फरहान हास्पीटल पर जिले के स्वास्थ्थ महकमे का संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि हास्पीटल की लापरवाही से लगातार हो रही मौत के बाबजूद विभाग धृतराष्ट्र बना बैठा। हास्पीटल और विभाग की आपसी गठजोड़ को ध्यान मे रखते हुए शिकायतकर्ता अजय वर्मा ने  जिलाधिकारी से गुहार लगाया है कि इस प्रकरण को डा० ताहिर लारा व डा० बीके वर्मा  को छोड़ किसी दुसरे सक्षम अधिकारी से जांच कराई जाए। शिकायतकर्ता ने स्पष्ट कहा है कि डा० ताहिर लारी व डा० बीके वर्मा इस मामला को मैनेज कर लीपापोती कर देगे। अब देखना यह है कि योगी सरकार मे ;जो आम आदमी के स्वास्थ्थ के प्रति काफी गम्भीर है द्ध स्वास्थ्थ महकमा क्या कार्रवाई करता है।

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